गैस एजेंसियों के खिलाफ अवैध रूप से बिना सुरक्षा निधि जमा किए एसवी वाउचर बनाने तथा गैस कार्ड दिए बिना कारोबारियों को व्यावसायिक सिलेंडर देने की शिकायत मिल रही थी। इसी प्रकार डीजल के स्थान पर आयातित तरल उत्पाद का नाम बदलकर बायोडीजल विक्रय करने की भी शिकायत प्राप्त हो रही थी। शुक्रवार को तीनों संस्थानों में एक साथ छापा मारा गया। खाद्य नियंत्रक तरूण राठौर द्वारा छापेमारी के लिए गठित टीम में सहायक खाद्य अधिकारी संजय दुबे, अरविंद दुबे, मदन मोहन साहू एवं खाद्य निरीक्षक रीना साहू, मनीष यादव ने संबंधित फर्मों की जांच की।
बेकरी पर हुई कार्रवाई
मेसर्स न्यू नाइस बेकरी में हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कंपनी के 19 किलो वाले गैस सिलेंडर से ओवन को चलाया जा रहा था। मौके पर 52 भरे हुए व्यावसायिक सिलेंडर तथा 96 खाली सिलेंडर पाये गये। गैस कंपनी को खाली गैस सिलेण्डर कारोबार स्थल पर नहीं छोडऩे का नियम है। संस्थान में एसवी वाउचर, गैस कार्ड भी नहीं पाया गया। इस आधार पर 206 सिलेंडर जब्त कर लिया गया।
मेसर्स न्यू नाइस बेकरी में हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कंपनी के 19 किलो वाले गैस सिलेंडर से ओवन को चलाया जा रहा था। मौके पर 52 भरे हुए व्यावसायिक सिलेंडर तथा 96 खाली सिलेंडर पाये गये। गैस कंपनी को खाली गैस सिलेण्डर कारोबार स्थल पर नहीं छोडऩे का नियम है। संस्थान में एसवी वाउचर, गैस कार्ड भी नहीं पाया गया। इस आधार पर 206 सिलेंडर जब्त कर लिया गया।
गैस एजेंसी की हुई जांच, 1599 सिलेंडर जब्त
इसके बाद खाद्य विभाग की टीम ने शांति एचपी गैस एजेंसी, न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर में छापा मारकर दस्तावेज मांगे। एजेंसी के द्वारा मेसर्स न्यू नाइस बेकरी से संबंधित कोई भी एसवी वाउचर, गैस कार्ड देने के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। एजेंसी का स्टॉक बोर्ड भी 01 जनवरी 2021 तक का ही प्रदर्शित था। फर्म के पास कंपनी से मिले भरे गैस सिलेंडर एवं वापस किये गये खाली सिलेंडर के संबंध में वैध जानकारी नहीं पायी गयी। मौके पर जो कम्प्यूटराइज्ड स्टॉक जानकारी प्रस्तुत की गई, उसमें भी दिनांक 31 जनवरी 2021 तक थी। टीम के द्वारा गैस एजेंसी के गोदाम में जाकर भौतिक सत्यापन किये जाने पर स्टॉक में अंतर पाया गया। घरेलू गैस सिलेण्डर भरे हुये 123 कम कम पाये गये। इसी प्रकार व्यावसायिक गैस सिलेंडर 36 नग अधिक पाये गये, जिसके कारण मौके पर उपलब्ध कुल 1599 नग सिलेंडर जब्त कर लिया गया है।
इसके बाद खाद्य विभाग की टीम ने शांति एचपी गैस एजेंसी, न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर में छापा मारकर दस्तावेज मांगे। एजेंसी के द्वारा मेसर्स न्यू नाइस बेकरी से संबंधित कोई भी एसवी वाउचर, गैस कार्ड देने के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। एजेंसी का स्टॉक बोर्ड भी 01 जनवरी 2021 तक का ही प्रदर्शित था। फर्म के पास कंपनी से मिले भरे गैस सिलेंडर एवं वापस किये गये खाली सिलेंडर के संबंध में वैध जानकारी नहीं पायी गयी। मौके पर जो कम्प्यूटराइज्ड स्टॉक जानकारी प्रस्तुत की गई, उसमें भी दिनांक 31 जनवरी 2021 तक थी। टीम के द्वारा गैस एजेंसी के गोदाम में जाकर भौतिक सत्यापन किये जाने पर स्टॉक में अंतर पाया गया। घरेलू गैस सिलेण्डर भरे हुये 123 कम कम पाये गये। इसी प्रकार व्यावसायिक गैस सिलेंडर 36 नग अधिक पाये गये, जिसके कारण मौके पर उपलब्ध कुल 1599 नग सिलेंडर जब्त कर लिया गया है।
25,964 लीटर तथाकथित बायो डीजल जब्त
जांच टीम के द्वारा मेसर्स यशोदा बॉयो फ्यूल्स, रावाभांठा की जांच की गई। फर्म को उद्योग विभाग के द्वारा डीजल विक्रय के संबंध में पंजीयन पत्र प्रदाय किया गया, जबकि मौके पर फर्म के द्वारा इंदौर के फर्म कान्हा बिल्टकॉम से प्राप्त तरल पेट्रोलियम उत्पाद के रूप में मिथाइल इस्टर वस्तु का बिल प्रस्तुत किया गया। बॉयो फ्यूल्स वनस्पति उत्पाद है एवं इसको विदेशों से आयात नहीं किया जा सकता है। मध्यप्रदेश की फर्म के द्वारा प्रेषित बिल में वे-ब्रिज बिल नहीं है, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि बॉयो डीजल की आड़ में कुछ कंपनियों के द्वारा ऐसा उत्पाद निर्मित किया जा रहा है, जो कि बॉयो डीजल नहीं है, लेकिन इस उत्पाद की डेन्सिटी डीजल के समकक्ष है। इस फर्म के द्वारा मई 2020 से कारोबार करने के बावजूद केवल जनवरी 2021 से आवक-जावक संबंधी जानकारी रखी गई है। इस आधार पर यशोदा बॉयो फ्यूल्स के द्वारा डीजल के प्रदाय को प्रभावित करने के कारण 25,964 लीटर तथाकथित बॉयो डीजल जब्त किया गया है।
जांच टीम के द्वारा मेसर्स यशोदा बॉयो फ्यूल्स, रावाभांठा की जांच की गई। फर्म को उद्योग विभाग के द्वारा डीजल विक्रय के संबंध में पंजीयन पत्र प्रदाय किया गया, जबकि मौके पर फर्म के द्वारा इंदौर के फर्म कान्हा बिल्टकॉम से प्राप्त तरल पेट्रोलियम उत्पाद के रूप में मिथाइल इस्टर वस्तु का बिल प्रस्तुत किया गया। बॉयो फ्यूल्स वनस्पति उत्पाद है एवं इसको विदेशों से आयात नहीं किया जा सकता है। मध्यप्रदेश की फर्म के द्वारा प्रेषित बिल में वे-ब्रिज बिल नहीं है, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि बॉयो डीजल की आड़ में कुछ कंपनियों के द्वारा ऐसा उत्पाद निर्मित किया जा रहा है, जो कि बॉयो डीजल नहीं है, लेकिन इस उत्पाद की डेन्सिटी डीजल के समकक्ष है। इस फर्म के द्वारा मई 2020 से कारोबार करने के बावजूद केवल जनवरी 2021 से आवक-जावक संबंधी जानकारी रखी गई है। इस आधार पर यशोदा बॉयो फ्यूल्स के द्वारा डीजल के प्रदाय को प्रभावित करने के कारण 25,964 लीटर तथाकथित बॉयो डीजल जब्त किया गया है।