सीजीएमएससी की टीम ने मशीन लगाने चयनित स्थल का निरीक्षण भी कर लिया है। जिला अस्पताल से औसतन रोजाना 80- 90 मरीजों का सैंपल लेकर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा जाता है। रिपोर्ट आने में विलंब होता है, जिसके चलते मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। जिला अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों 250 से 300 मरीज पहुंच रहे हैं। सर्दी-खांसी व बुखार के मरीजों का कोरोना की पहचान के लिए तुरंत एंटीजन किया जाता है। आरटी-पीसीआर जांच के लिए स्वॉब भी लिया जाता है। वर्तमान में लालपुर और कालीबाड़ी में ट्रू-नॉट से कोरोना की जांच की जाती है। मेडिकल कॉलेज और एम्स में आरटी-पीसीआर की सुविधा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रू-नॉट मशीन मूलत: टीबी की जांच करने के काम आती है। इस मशीन के सॉफ्टवेयर में मामूली बदलाव से यह मशीन कोरोना संक्रमण की जांच भी कर सकती है। कोरोना समाप्ति के बाद इसका उपयोग टीबी जांच में भी किया जा सकता है।
जिला अस्पताल में ट्रू-नॉट मशीन स्थापित करना प्रस्तावित है, जिसके लिए कवायद की जा रही है। सीजीएमएससी की टीम चयनित स्थल का निरीक्षण कर चुकी है। मशीन लगने से मरीजों को काफी सहुलियत होगी।
– डॉ. पीके गुप्ता, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल