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जिस गांव के लोगों ने किया था चुनाव बहिष्कार, अब उनके साथ हो रहा सौतेला व्यवहार, ग्रामीणों ने दी चेतावनी

locationगरियाबंदPublished: Jan 03, 2019 06:40:02 pm

के ग्रामीणों को विकास की अलख पाने के लिए वोट बहिष्कार का सहारा लेना पड़ रहा है।

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जिस गांव के लोगों ने किया था चुनाव बहिष्कार, अब उनके साथ हो रहा सौतेला व्यवहार, ग्रामीणों ने दी चेतावनी

देवभोग. शासन-प्रशासन द्वारा मूलभूत समस्याओं पर उचित कदम नहीं उठाए जाने से नाराज चल रहे परेवापाली के ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार कर साफ तौर पर चेतावनी दे दी थी कि उनकी मांगों को लेकर शासन स्तर पर बैठे लोगों ने आज तक कुछ नहीं किया, ऐसे में वे चुनाव का बहिष्कार कर बता रहे हैं कि विकास के दावों के बीच भी यहां के ग्रामीणों को विकास की अलख पाने के लिए वोट बहिष्कार का सहारा लेना पड़ रहा है।
विधानसभा चुनाव बीतने के बाद भी आज तक गांव में न ही कोई जनप्रतिनिधि पहुंचा है और न ही किसी अधिकारी ने ग्रामीणों की मूलभूत समस्याओं को लेकर चर्चा करने की कोशिश की है। ऐसे में नाराज ग्रामीणों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को आवेदन कर सात बिन्दुओं पर अपनी मांग से अवगत कराते हुए चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ही उचित कदम नहीं उठाया गया, तो आने वाले लोकसभा चुनाव का भी बहिष्कार करने का निर्णय लिया जाएगा।
विस चुनाव में हो चुका है बहिष्कार
विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार कर चेतावनी दी थी कि उनकी मांगों को लेकर जो शासन स्तर पर बैठे लोग गंभीर नहीं हैं। ऐसे में अपना वोट डालकर ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनने का क्या मतलब जो कि चुनाव जीतने के बाद विकास करना ही भूल जाए। विस चुनाव के पहले चुनाव प्रचार में बीजेपी के प्रत्याशी डमरूधर पुजारी और कांग्रेस के संजय नेताम भी परेवापाली पहुंचे थे, वहीं ब्लॉक स्तर के अधिकारियों ने भी पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का भरसक प्रयास किया था, लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं हुए थे। चुनाव के दिन पोलिंग बूथ के सामने सन्नाटा पसरा रहा। वहीं अधिकारी भी खाली बूथ को लेकर वापस लौट आए थे।
दो दशक से करते आ रहे हैं आवेदन
गांव के विद्याधर पात्र और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पिछले बीस साल से वे आवेदन पर आवेदन करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक उनके आवेदन पर जिम्मेदारों ने कोई उचित कदम उठाना मुनासिब नहीं समझा। सीईओ को आवेदन करने पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि वे पिछले बीस साल से परेवापाली से निष्टीगुड़ा मार्ग तक मुख्यमंत्री सड़क, परेवापाली से सेन्दमुड़ा मार्ग तक प्रधानमंत्री सड़क निर्माण, 40 साल पहले निर्माण किए गए नहर से सिंचाई के लिए उचित व्यवस्था, नल-जल योजना की सुविधा, राशन दुकान का निर्माण गांव में किया जाए.प्राथमिक शाला भवन का निर्माण, परेवापाली से तेल नदी मार्ग में पुलिया का निर्माण करवाए जाने की मांग ग्रामीणों के द्वारा की गई है।
परेवापाली के ग्रामीण गांव की मूलभूत समस्या को दूर करने के लिए लंबे समय से मांग कर रहे हैं, ऐसे में उन्होंने हाल ही में हुए विस चुनाव का भी बहिष्कार कर अपना विरोध दर्ज करवाया था। ग्रामीणों ने फिर से आवेदन कर मांग जल्द ही पूरा नहीं किए जाने की स्थिति में लोकसभा के बहिष्कार की भी चेतावनी दी है।
शिवशंकर नायक, सरपंच, ग्राम पंचायत निष्टीगुड़ा
परेवापाली के ग्रामीणों की समस्या को लेकर जल्द ही कलेक्टर से चर्चा करूंगा। हर हाल में उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करना मेरी पहली प्राथमिकता होगी। लोस चुनाव से पहले उनकी मांगों को पूरा करने के लिए उचित कदम उठा लिया जाएगा। उन्हें लोस चुनाव में बहिष्कार करने जैसा कदम नहीं उठाने दिया जाएगा।
डमरूधर पुजारी, विधायक, बिन्द्रानवागढ़
बीजेपी के विकास के दावे हमेशा झूठे रहे हैं। इसी का नतीजा है कि परेवापाली के ग्रामीणों को विस चुनाव का बहिष्कार करना पड़ा। मैं ग्रामीणों की समस्या को लेकर प्रदेश के मुखिया ये चर्चा करूंगा। हमारी पार्टी हर वर्ग के विकास के लिए गंभीर है। ऐसे में उनकी समस्या को जल्द से जल्द दूर किया जाएगा।
जनक धु्रव, प्रदेश महामंत्री, आदिवासी कांग्रेस
परेवापाली के ग्रामीणों ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर मुझे आवेदन सौंपा है। मैं इस बारे में उच्च कार्यालय को अवगत कराउंगा। जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा करने के लिए उचित कदम उठाया जाएगा।
मोहनीश आनंद देवांगन, सीईओ, जनपद पंचायत देवभोग
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