इसी तस्करी को रोकने राजिम पुलिस ने शहर के आखिरी छोर में चेक पॉइंट लगाया हुआ है। बावजूद लोग बेधड़क महुआ शराब लेकर चल रहे हैं और पकड़ा भी रहे हैं। टीआई विकास बघेल और उनकी टीम द्वारा अब तक इस तरह के 5-6 केस बना चुके है। बावजूद लोग बाज नहीं आ रहे हैं। पिछले सप्ताह भर से धर पकड़ और चेकिंग तेज हो गया है। इसकी चपेट में महुआ शराब के कारोबारी लगातार गिरफ्त में आ रहे हैं।
बुधवार को टीआई बघेल और उनकी टीम द्वारा कुरुद थाना क्षेत्र के चारभांठा गांव के दो व्यक्ति गौतम चंदन 58 साल और गणेश राव 35 साल को मोटर सायकल सीडी 100 सीजी 04 एलटी 5047 में शराब लाते हुए रंगे हाथ पकड़ा था और आबकारी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया था। इसके पहले चौबेबांधा गाव के तिलक जांगड़े उम्र 26 साल और रमाशंकर चेलक उम्र 30 साल 7 लीटर देशी महुआ शराब के साथ रंगे हाथ पकड़ाया था। उसके चार दिन पहले राजू साहू ग्राम सिवनी एवं लेखनारायण बोडऱाबांधा को रंगे हाथों पकड़ा था।
उल्लेखनीय है कि पकड़ाए ये सभी आरोपी गरियाबंद मार्ग से राजिम की ओर प्रवेश कर रहे थे। राजिम से दो किमी आगे धमतरी जिला और रायपुर जिला का बॉर्डर लग जाता है। जानकारी के मुताबिक धमतरी जिले के चंद्रसूर गांव जो कि यहां से 4 किमी दूर है। यहां बड़ी मात्रा में महुआ शराब बनाए जाने की खबर न केवल आ रही है बल्कि नवापारा और राजिम जैसे शहरी ईलाके में ऊंची मतों पर बेची भी जा रही है।
जानकारों की माने तो नदी किनारे के कई चर्चित गावों के चिन्हित लोगों द्वारा बड़ी मात्रा में महुआ शराब बनाए जाने की खबर छनकर सामने आई है। दरअसल लॉक डाउन के चलते आबकारी विभाग का अमला जिला मुख्यालय से हिल नहीं रहा है। और लोग इसी का नाजायज फायदा उठा रहे हैं।