कसडोल तहसील क्षेत्र के बार नवापारा अभयारण्य क्षेत्र के अंतर्गत 22 वन ग्राम आते हैं। इस वन क्षेत्र में न तो बिजली और नहीं सिंचाई के लिए कोई बांध जिसके कारण यहां के रहवासियों को पीने के पानी, निस्तार आदि की भी समस्याओं से जूझना नियति बन चुका था। बार अभयारण्य क्षेत्र में रहने वाले लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है तथा यहां के लोग वर्षा आधारित कृषि करते थे यानि की जिस साल अच्छी बारिश हुई उस साल फसल होती थी और जिस साल मानसून ने दगा दे दिया, उस साल उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो जाती थी, इसलिए अधिकांश लोगों को रोजी रोटी के लिए अन्य राज्यों की ओर पलायन करना पड़ता था।
गरीबी, भुखमरी बार क्षेत्र का पर्याय बन चुका था, क्योंकि इस क्षेत्र में हमेशा सूखे अकाल की छाया पड़ती रही है। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा स्रोत (क्रेडा) विभाग में पदस्थ कसडोल विकास खंड के ही ग्राम बैजनाथ निवासी खगेश साहू मानो बार अभयारण्य क्षेत्र के वनवासियों के लिए मसीहा बनकर आए थे। बलौदाबाजार कार्यालय में पदस्थ खगेश साहू का कार्य क्षेत्र कसडोल एवं बिलाईगढ़ विकास खंड है, उसने विद्युत विहीन बार अभयारण्य क्षेत्र के गांवों में ग्रामीणों को सौर सुजला योजना की जानकारी दी और सोलर पम्प लगाकर कृषि कार्य में इसका फायदा उठाने की सलाह दी। प्रथम चरण में उसने कुछ किसानों के खेतों में सोलर पम्प स्थापित किया, जिससे उन किसानों के खेतों में पिछले साल पड़े सूखे अकाल के समय भी अच्छी फसल हुई। फिर क्या था अब किसान स्वस्फूर्त होकर सोलर पम्प लगाने विभाग के पास खुद ब खुद आने लगे। बार अभयारण्य क्षेत्र जहाँ पर कभी खरीफ की फसल होना मुश्किल काम होता था वहाँ के किसान अब ग्रीष्म में भी धान एवं सब्जी की खेती कर कृषि से अपनी आय दुगना कर ही रहे हैं।
साथ ही उन्हें वर्ष भर अपने ही खेतों में रोजगार मिल रहा है।
आत्मनिर्भर होने में सहायक साबित हो रहा है
वन ग्राम दोन्द के सरपंच खेमराज ठाकुर, गौतम सिंह ठाकुर, मान सिंह, करन सिंह चौहान, उत्तम सिंह नेताम, चैन सिंह यादव, बीजे लाल खडिय़ा, फिरतू राम यादव, सीताराम, अंजोर सिंह एवं सुंदर सिंह आदि ने बताया कि सौर सुजला योजना से स्थापित पम्प से अब दोहरी फसल उत्पादन होने से गांव के लोग आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं। ग्राम मुड़पार के मनहरण ध्रुव ने बताया कि इस योजना से स्थापित पम्प से वे लगभग एक एकड़ भूमि में हर मौसम में सब्जी उत्पादन कर आर्थिक लाभ अर्जित कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि सौर सुजला योजना लोगों को आत्मनिर्भर होने में सहायक साबित हो रहा है।