जिसे कुछ दिन पहले ही राजस्थान के कोटा से वापस उसे लाया गया था और कवर्धा में आइसोलेट किया था। 6 दिन तक कवर्धा में क्वारेंटाइन में रहने के बाद 5 मई को राजिम भेज दिया। जहां वह घर पर ही रह रही थी। जबकि शासन के नियमानुसम बाहर जाने वाले व्यक्तियों को 14 दिन तक और क्वारेंटाइन में रखे जाने का आदेश बावजूद घर में रखा गया।
सूत्रों से पता चला है कि मेडिकल संचालक की बेटी मेडिकल दुकान में बैठकर कई लोगों को दवाई बाटी। पैसे लेन-देन की और रिश्तेदारों एवं सहेलियों के घर भी घूमी, साथ ही साथ ही राजिम में मार्केट में भी गई होगी। इस तरह पूरे क्षेत्र को भले आज जिला प्रशासन सील कर दिया है, छावनी में तब्दील कर दिया है पर जो पहले करना चाहिए वह नहीं किया। जिस वजह से जिले का कलर बदल गया। इस बारे में जिम्मेदार अधिकारियों को फोन लगाया पर किसी ने फोन नहीं उठाया।
वहीं मेडिकल संचालक की पुत्री कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उससे संपर्क करने जिला प्रशासन द्वारा जानकारी एकत्रित की गई तो वह साहू परिवार का नाम भी सामने आया। सोमवार को दोनों को गांव के सरकारी स्कूल में रखा गया है। इस खबर के बाद गांव के लोग सकते में आती है।