लोगों के सामने ये आरोपी जब बोरियों में सूजे से छेदकर चावल निकालते थे तो बोरियों से यही पतला चावल बाहर आता था। इससे लोगों को यकीन हो जाता था कि बोरियों में वाकई में बेहतर क्वालिटी का चावल भरा है। इसके बाद लोग चावल खरीदने को तैयार हो जाते थे, जिसके बाद 50 से 60 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से लोगों को चावल बेचकर ये आरोपी खिसक जाते थे।
बाद में जब लोग चावल की बोरियों को खोलकर देखते थे, तब सारा माजरा समझ में आता था। आरोपियों ने इस प्रकार नगर के कई लोगों के साथ-साथ पूर्व पालिकाध्यक्ष अनिता दुबे को भी इसी प्रकार झांसे में लेते हुए उनसे ठगी की थी। आज सुबह 11.30 बजे ये आरोपी फिर नगर के दम्मानी कॉलोनी में एक टाटा एस वाहन में किसी को चूना लगाने की फिराक में घूम रहे थे। इसी बीच एक भुक्तभोगी आशीष जैन की नजर इन पर पड़ गई। उसने पहले तो डायल 112 और फिर नगर पुलिस को इसकी सूचना दी। कुछ ही देर में पेट्रोलिंग पार्टी मौके पर पहुंची और सभी आरोपियों को वाहन सहित थाने ले आई। वाहन में 16 कट्टा मोटा चावल बोरियों में बंद रखा हुआ था, जिससे ये लोग किसी को चूना लगाने की फिराक में थे, लेकिन बदकिस्मती से पकड़े गए।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम गोपी पिता पंचानंद विश्वास (46), विश्वजीत पिता भोलानंद दास (43), पंचू पिता पंचानंद शाह (56) और प्रमोद पिता संतोष ताम्रकार (23) हैं। ये सभी आरोपी पावर हाऊस भिलाई के रहने वाले हैं। प्रधान आरक्षक ईश्वर दुबे ने बताया कि सभी आरोपियों के विरुद्ध धारा 151 के तहत् प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुए एसडीएम न्यायालय में पेश किया गया, जहॉं से सभी को जेल भेजने की कार्यवाही की गई है।
नहीं पहुंची डायल 112 – आशीष ने सबसे पहले डायल 112 को फोन कर इसकी जानकारी दी। लेकिन लगभग आधे घंटे तक 112 मौके पर नहीं पहुंची। इसके बाद आशीष ने नगर पुलिस को फोन किया। डायल 112 आशीष के फोन करने के लगभग डेढ़ घंटे बाद तक नहीं पहुंची। इससे राज्य पुलिस के इस त्वरित सहायता सेवा पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। क्योंकि इस सेवा में फोन करने पर जरूरतमंद को महज कुछ ही मिनटों के बाद हर किस्म की सेवा उपलब्ध हो जाती है।