इन बच्चों को देखने हमारे देश के अलावा विदेशों से भी लोग पहुंचे थे। शिवनाथ और शिवराम के पिता राजकुमार साहू ने बताया कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता एवं जर्मनी से भी बड़े-बड़े डॉक्टर एवं सर्जन भी इस अद्भुत जुड़वा बच्चों को देखने आ चुके हैं, सभी ने मदद के नाम से केवल आश्वासन ही दिए हैं। किसी ने इन बच्चों की मदद नहीं की, यहां तक शासन प्रशासन से भी किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल पा रही है।
अब इनके माता-पिता भी इनके पढ़ाई लिखाई को लेकर परेशानियों का सामना करने को मजबूर हैं। विदित हो कि दोनों बालक कक्षा 6वीं तक ही पढ़ाई कर पाए हैं। आगे की पढ़ाई छोडऩे का कारण पूछने पर दोनों ने बताया जब वे स्कूल में पढऩे जाते थे, तो उन्हें देखने बाहर से आए लोग सीधा स्कूल में चले जाते थे। जिनसे वहां पढ़ने वाले दूसरे बच्चों को दिक्कत होती थी। उन्होंने बताया कि वह आगे की पढ़ाई करना तो चाहते थे, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने एवं कहीं से कोई मदद नहीं मिलने के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोडऩी पड़ी।
इस परिवार को शासन प्रशासन से आस है कि कही से किसी भी प्रकार का अनुदान, पेंशन या कोई सरकारी योजनाओं का लाभ मिल जाए, जिससे इनकी कुछ परेशानियां खत्म हो सके और दोनों को पढ़ाया जा सके। इस संबंध में ग्राम सचिव हरि किशन वर्मा से चर्चा करने पर बताया कि पूर्व में इन्हें ट्राई साइकिल उपलब्ध कराया जा चुका है। वर्तमान में पेंशन हेतु आवेदन जनपद पंचायत भेज दिया गया है, जैसे वहां से आदेश प्राप्त होता है त्वरित इन्हें लाभ दिया जाएगा।