भ्रष्टाचार के मामले को लेकर भड़के ग्रामीणों ने अधिकारियों के सामने जमकर अपनी भड़ास निकाली। साथ ही भ्रष्टाचार करने वाले पंचायत पदाधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। अधिकारियों के काफी मनाने के बाद तत्काल मौके पर ही जांच दल का गठन कर जांच प्रारंभ शुरू करवाने की बात पर ग्रामीणों का गुस्सा कुछ कम हुआ। लेकिन ग्रामीणों ने 20 दिनों के भीतर भ्रष्टाचार की जांच नहीं किये जाने पर फिर से मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की चेतावनी दी है।
कलक्टर को ज्ञापन सौंपने के बाद जांच दल गठित की गई। जांच दल गांव पहुंचकर पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा किए गए कार्यों की कई स्तर मे जांच की थी, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होने से 5 दिन पूर्व सोमवार को सैकड़ों ग्रामीणों ने एक बार फिर जनपद पंचायत कार्यालय का घेराव किया और 1 फरवरी को रायपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की चेतावनी दी थी।
ग्रामीणों ने अपने पूर्व चेतावनी अनुसार विभिन्न वाहनों के माध्यम से आज शुक्रवार सुबह रायपुर रवाना होने की तैयारी कर रहे थे कि प्रशासन के स्थानीय अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सैकड़ो ग्रामीणों को रायपुर जाने से रोका और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को यही पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन ग्रामीण भ्रष्टाचार की जांच के साथ दोषियो पर कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे और मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जाने के लिए अड़े रहे।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी रविराज ठाकुर, एसडीओपी पुलिस राहुल देव शर्मा, तहसीलदार पीडी लकड़ा, थाना प्रभारी बसंत बघेल, पंचायत इस्पेक्टर राजकुमार ध्रुर्वा, करारोपण अधिकारी अमरनाथ मरकाम ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि आज ही सभी कार्यों की जांच प्रारंभ करवाई जाएगी और ग्रामीणों को लिखित आश्वासन के साथ तत्काल जांच दल का गठन कर जांच प्रारंभ करवाने पर ग्रामीणों का गुस्सा कुछ शांत हुआ। लेकिन ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि 20 दिनों के भीतर यदि संपूर्ण भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियो पर कार्यवाही नहीं की गई तो ग्रामीण हर हाल में रायपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने मजबूर होंगे।