गांव के विद्याधर, प्रह्लाद किशोर अवस्थी के साथ ही सुशीलचंद्र पात्र ने बताया कि गांव में मूलभूत समस्या पिछले एक दशक से बनी हुई है। बार-बार आवेदन करने के बाद भी समस्याओं के निराकरण के लिए जिम्मेदारों ने कोई पहल नहीं की है। ऐसे में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया है और मामले की जानकारी आवेदन के माध्यम से एसडीएम को दे दी गई है।
दस सालों से दिया आवेदन, नहीं हुई कार्रवाई: गांव के महेश कुमार, निमाईचरण के साथ ही नारायण यादव, आदित्य, गजेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले दस सालों से हर जगह आवेदन करते आ रहे है। वहीं, पांच सालों में हर साल लोकसुराज में आवेदन कर समस्याओं के निराकरण के लिए जिम्मेदारों से गुहार लगाई, लेकिन जिम्मेदारों ने किसी तरह का कोई पहल करना मुनासिब नहीं समझा। स्थिति यह हो गई कि हर जगह आवेदन देने के बाद कार्रवाई की बात अधिकारी कहते तो थे। लेकिन आवेदन ठंडे बस्ते में चला जाता था।
देवभोग के एसडीएम निर्भय साहू ने बताया कि ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार करने संबंधी आवेदन दिया है। वहीं, मैं गांव में जाकर ग्रामीणों से चर्चा करूंगा। उनकी समस्याओं को हल करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा। हम उन्हें वोट बहिष्कार करने जैसे कदम उठाने नहीं देंगे, ऐसे कदम उठाने से पहले ग्रामीणों की मांग पर उचित कदम उठाते हुए उन्हें समझा लिया जाएगा।
निष्टीगुड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच शिवशंकर नायक ने बताया कि ग्रामीणों की मांग बिल्कुल जायज है। आज भी वहां मूलभूत समस्याएं दूर नहीं हुई है। वहीं, वोट बहिष्कार कर ग्रामीण अपनी आवाज जिम्मेदारों तक पहुंचाना चाह रहे हैं। लोकतंत्र में हर किसी को अधिकार है कि वे अपनी बात स्वतंत्रता से रख सके।