छपोरा फेब्रिकेशन फैक्ट्री पेसिव इंफ्रा कंपनी में रविवार की शाम ठेकेदार के अंडर में काम करने वाले एक मजदूर दीपक वर्मा का कंपनी में कार्यरत एक बाउंसर अंकित परमार से कहासुनी हो गई थी। रात को जब दीपक वर्मा सोया हुआ था तब बाउंसर अंकित परमार हॉकी स्टीक लेकर उसके रूम पहुंच गया और गालियां देकर दरवाजे को खोलने की बात कहने लगा। दरवाजा नहीं खुला तो उसने दरवाजे को तोड़ दिया और रूम के अंदर घुसकर उसने दीपक की बेरहमी से पिटाई कर दी। उसके हाथ पर जोरदार वार कर दिया जिससे उसका हाथ फैक्चर हो गया।
उधर फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को जब इस घटना की जानकारी मिली तो मजदूरों ने तत्काल काम बंद कर विरोध करना शुरू कर दिया। विरोध को देखते हुए वहां के डायरेक्टर राजेश अग्रवाल ने बाउंसर को वहां से भगा दिया इससे मजदूर का आक्रोश और भी बढ़ गया। मजदूरों के आक्रोश के देखते हुए कंपनी ने तत्काल थाने में सूचना दी कुछ ही देर बाद मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। मजदूरों ने पुलिस को बताया कि बाउंसर के द्वारा आए दिन मजदूरों से मारपीट करते रहते हैं। जब तक बाउंसर की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे। सोमवार की सुबह भी मजदूर फैक्ट्री के अंदर जाकर हाजिरी लगाने के बाद हुए हड़ताल पर बैठ गए।
प्रबंधन पर प्रताडऩा का आरोप
टीआई मिश्रा और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और मजदूरों से काम पर लौटने के लिए समझाइश दी। समझाइश के बाद मजदूरों ने काम पर लौटने का ऐलान तो कर दिया। लेकिन प्रबंधन की प्रताडऩा से दुखी और आक्रोशित मजदूर तहसीलदार के सामने फट पड़े। मजदूरों ने बताया कि कंपनी के एक डायरेक्टर के द्वारा बाउंसरों से पिटवाया जाता है और धमकी दी जाती है।
मजदूरों ने प्रबंधन पर कम मजदूरी देने का भी आरोप लगाया और बताया कि यहां कोई सप्ताहिक छुट्टी नहीं दी जाती है। तहसीलदार ने मजदूरों की बात को गंभीरता से लेते हुए डायरेक्टर राजेश अग्रवाल को चेतावनी दी कि यदि मजदूरों के साथ अन्याय किया गया तो उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी। टीआई ने भी डायरेक्टर को खासी फटकार लगाई और चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि मजदूरों के साथ मारपीट की गई तो कड़ी का