कैसे-कैसे पिंडदानी
अभी गयाधाम में एकदिनी और तीनदिनी पिंडदान करने वाले पिंडदानियों की भीड़ है। सत्रह दिनी पिंडदान करने वाले यात्री नियमानुसार वेदियों पर पिंडदान कर रहे हैं। एकदिनी पिंडदानी फल्गु में स्नान तर्पण के बाद विष्णुपद पिंडदान और अक्षयवट में सुफल लेने के बाद पिंडदान संपन्न कर लौट रहे हैं। तीन दिनों के पिंडदानी फल्गु में स्नान तर्पण ,दूसरे दिन ब्रम्हकुंड में तर्पण और श्राद्ध,प्रेतशिला ,रामशिला व रामकुंड पर कर्मकांड और तीसरे दिन फल्गु में स्नान तर्पण के बाद विष्णुपद वेदी, रूद्रपद वेदी,ब्रम्हपद वेदी आदि पर पिंडदान कर पितरों को मोक्ष प्राप्त होने की कामना कर रहे हैं।
त्रिपाक्षिक श्राद्ध आज से
भाद्रपद कृष्णपक्ष की पंचमी तिथि (शनिवार )से विष्णुपद मंदिर में त्रिपाक्षिक श्राद्ध करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। ये पिंडदानी अगले चार दिनों तक मंदिर परिसर में सोलह वेदियों सहित अन्य वेदियों पर पिंडदान करने वाले हैं। पिंडदान के बाद दर्शनपूजन के लिए मंदिर में पिंडदानियों की लंबी कतारें लग जाती है। मंदिर परिसर में पिंडदान को लेकर विशेष तैयारियां की गई है। पंचमी तिथि शनिवार और रविवार को होने के कारण पिंडदानी तीन दिनों तक पिंड तर्पण करने की तैयारी में हैं। शनिवार को विष्णुपद मंदिर में खीर से बने पिंड अर्पित कर पिंडदानी पितरों के मोक्ष की कामना करते सुफल ले प्रसन्न चित्त होते और भगवान विष्ण से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।