जिला प्रशासन के अनुसार प्रतिदिन देवघाट पर फल्गु महाआरती होगी। संध्याकाल में विष्णुपद मंदिर प्रांगण में हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राज्य सरकार ने गया संवास सदन समिति को पितृपक्ष मेले के दौरान पिंडदानियों और यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्थ करने के निर्देश दिए हैं। पर्यटन विभाग पटना से गयाधाम और विभिन्न स्थानों की पिंडवेदियों पर जाकर पिंडदान करने और वापसी के लिए कई तरह के पैकेज शुरु कर रहा है। यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर अलग अलग पैकेज तैयार किए गये हैं।
लाखों पिंडदानियों का होता आगमन
गयाधाम के विश्वप्रसिद्ध मेले में पितृपक्ष के दौरान लाखों श्रद्धालु विभिन्न स्थानों से पहुंचते हैं।विदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग यहां आकर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडतर्पण करते हैं। दक्षिण भारत से आने वाले पिंडदानियों की संख्या कहीं अधिक देखी जाती है। मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, कर्णाटक और पश्चिम बंगाल व उड़ीसा से भी प्रतिवर्ष बहुतायत में गयाधाम आकर पितरों के प्रति श्रद्धा अर्पित करते हैं । इस दर्मियान एकदिनी तर्पण का अब अधिक चलन हो गया है । इसमें विष्णुपद मंदिर ,फल्गु नदी और अक्षयवट में पिंड तर्पण कर लोग भगवान से पितरों के मोक्ष प्राप्त करने की कामना कर लौट जाते हैं । कई श्रद्धालु पंद्रह दिनों के पितृपक्ष में सभी प्रसिद्ध वेदियों पर विधान के अनुरूप अलग अलग दिनों में पिंडतर्पण करते हैं।