बहूगुणी होने के कारण तुलसी के पत्ते ही नहीं बल्कि इसकी टहनी, फूल, बीज आदि को आयुर्वेद और नैचुरोपैथी पद्धति में भी इलाज के लिए प्रयोग में लेते हैं।
फायदे : संक्रमण, चेहरे की चमक व इम्युनिटी बढ़ाने, त्वचा रोगों, सर्दी, जुकाम, खांसी, सिरदर्द, चक्कर आना व कई बड़े रोगों के इलाज में भी उपयोगी है।
उपयोग : तुलसी के पत्तों को पानी से निगलने के अलावा काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं। चाय आदि में भी पत्तियां उबाल लें। इसकी पत्तियों को चबाना नहीं चाहिए।
तुलसी के गुणों और इसे काम लेने के तरीकों के बाद आपको बताते हैं कि कैसे आप गैस्ट्रिक की समस्या से निजात पा सकते हैं:
दिन में 6 बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करें
डायटीशियन संगीता मिश्र के अनुसार कब्ज , गैस्ट्रिक व ब्लोटिंग की मूल वजह नाश्ता व डिनर को मेन मील की तरह लेना व दिनभर भूखे रहना या तलीभुनी चीजें खाना है। ऐसे में 6 मील रूल यानी दिन में 6 बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करें। इनमें फल व सब्जियां भरपूर खाएं। सुबह नाश्ते के बाद स्नैक्स और फिर 12 से 1 बजे के बीच लंच लें। 3-4 बजे चाय के साथ हल्का-फुल्का स्नैक्स लें और फिर 6 बजे सूखे मेवे ले सकते हैं। डिनर सोने से २ घंटे पहले यानी 8 से 9 के बीच कर लेना चाहिए। मेन मील के बाद ग्रीन टी पी सकते हैं।
पेट के कीड़े मारे हरसिंगार
हरसिंगार के कुछ पत्तों का दो चम्मच रस निकालकर उसमें थोड़ी मिश्री मिलाकर बच्चों को दें। छोटे बच्चे हैं तो एक चम्मच पिलाएं। इससे पेट के कीड़े मरते हैं। – आचार्य बालकृष्ण