गाजियाबाद के नंद ग्राम मे दलित छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग दो अंबेडकर छात्रावास प्रशासन द्वारा बनाए गए थे। दोनों छात्रावास की क्षमता 408 छात्र-छात्राओं की है और यह जनवरी 2011 में बनकर तैयार हो गया था और इसकी शुरुआत भी 15 जनवरी 2011 को ही कर दी गई थी। यह छात्रावास पूरी सुविधाओं से लैस बनाया गया था। लेकिन काफी समय से यह छात्रावास बंद है ।इतना ही नहीं इसकी देखरेख ना होने के कारण भी यह जर्जर हालत में हो चुका था। योगी सरकार के आने के बाद बंद पड़े इस छात्रावास की सुध ली गई और इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। जिसे केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार करते हुए इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर में तब्दील कर दिया गया।
साथ ही प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार द्वारा जारी बजट पर इसकी मरम्मत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मेरठ की एजेंसी को ठेका दिया गया था। फिलहाल डिटेंशन सेंटर में सभी सुविधाओं का ध्यान रखते हुए यहां पर पूरा निर्माण करा दिया गया है और अब खुली जेल की तरह यहां पर 100 विदेशियों को रहे जाने की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से भी यहां की पूरी जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस को सौंपी गई है। उम्मीद है कि अक्टूबर में इसकी शुरुआत हो सकती है।