थानों में दर्ज रिकॉर्डो के से पता चलता है कि अधिकतर मामलो में इज्जत के साथ खिलवाड़ करने वाले भी अपने ही होते है। काफी समय तक इन मामलों को दबाने की कोशिश की जाती है और समाज के दबाव से ऊपर उठने के बाद ही इनमें मुकदमे दर्ज होते हैं। इसके अलावा नाबालिगों के साथ में दुष्कर्म की घटनाओं में भी बढ़ेतरी हुई है।
गाजियाबाद में हुए दुष्कर्म के लगभग 80 फीसदी मामलों में किसी न किसी जानकार का हाथ समाने आया है। इन मामलों में पीड़िता की तरफ से कई बार मुकदमा भी दर्ज कराया जाता है। इन मामलों में पुलिस ने अब तक 97 फीसदी आरोपियों की गिरफ्तारी की है। जबकि 15 फीसदी मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इनमें से कई ऐसे मामले भी हैं जिनमें सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले अब पाक्सो एक्ट में दर्ज किए जा रहे हैं। इस कारण इन धाराओं के लगने के कारण आरोपियों को छूट पाना मुश्किल है। हालांकि अभी अधिकतर मामलों में कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। दिल्ली में निर्भया कांड के बाद सरकार ने पाक्सो एक्ट बनाया था। इस कड़े कानून के लागू होने के बाद आरोपियों को बेल मिलना आसान नहीं होता है।
केस -1
छह साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म
थाना सिहानी गेट क्षेत्र के सिहानी गांव के आरोपी चाचा ने अपने दोस्त के साथ मिलकर छह साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। बच्ची को खाली प्लॉट में ले जाकर अपनी हवस का शिकार बनाया गया। बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया गया। इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। वहीं, दूसरा आरोपी अब भी फरार है। दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी न होने से पीड़िता के परिजनों में डर बना हुआ है।
केस-2
दुष्कर्म मामले में एक आरोपी फरार
थाना मसूरी क्षेत्र के नाहल गांव में आठ साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में पुलिस फरारा आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पुलिस ने एक आरोपी को जेल भेजा था, लेकिन वारदात में शामिल एक और आरोपी अब भी फरार है। एक ऑटो चालक ने अपने दोस्त के साथ बच्ची को सैर कराने के बहाने नहर के किनारे ले जाकर घटना को अंजाम दिया था।
केस-3
मोदीनगर इलाके में शुक्रवार को एक स्टूडेंट् का शव मिला। उसका सिर शव से अलग था। इसे देखते हुए भी अनहोनी की आशंका जाहिर की गई है। इस घटना के बाद थाना प्रभारी को सस्पेंड कर लाइन हाजिर कर दिया गया है।
एसएसपी हरियानारयण सिंह के मुताबिक दुष्कर्म की घटनाओं के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं और आरोपियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाती है। दुष्कर्म की घटनाओं के लिए संशोधित कानून के तहत कार्रवाई की जाती है।
साल दर साल ऐसे बढ़ती चली गई दुष्कर्म की घटनाएं
वारदात 2012 2013 2014 2015 2016
दुष्कर्म 42 78 84 93 116