जिसके चलते 14 अक्टूबर को वाल्मीकि समाज की एक सभा का आयोजन हुआ। जिसमें निर्णय लिया गया कि सभी लोग धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म अपनाएंगे जिसके चलते बाबासाहेब अंबेडकर के पोते राजरत्न अंबेडकर की मौजूदगी में 50 परिवार के 236 वाल्मीकि समाज के लोगों ने धर्म परिवर्तन किया और बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। इस दौरान सभी को बौद्ध धर्म का सर्टिफिकेट भी जारी किया गया।
बता दें कि हाथरस कांड से आहत हुए वाल्मीकि समाज के 50 परिवारों के, 236 लोगों ने बौद्ध धर्म अपना लिया। मामला गाजियाबाद के करहेड़ा इलाके का है। बीती 14 तारीख को इलाके में रहने वाले वाल्मीकि समाज के 236 लोग एकजुट हुए और उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के पड़पोते राजरत्न अंबेडकर की मौजूदगी में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। इन परिवारों का आरोप है कि हाथरस कांड से ये काफी ज्यादा आहत हुए हैं। यही नहीं आरोप ये भी है कि लगातार आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद इनकी कहीं सुनवाई नहीं होती है।
इन लोगों ने आरोप लगाया कि हर जगह इनकी अनदेखी की जाती है। बीती 14 तारीख का वो वीडियो भी सामने आया है। जिसमें राजरत्न आंबेडकर बौद्ध धर्म की शिक्षा इन लोगों को दे रहे हैं। इसी दौरान इन लोगों ने बौद्ध धर्म को अपना लिया। वहीं मालमे में फिलहाल कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।