नोटबंदी के बाद कैश के लिए सभी परेशान हैं, लोगों ने इससे निपटने के लिए कई तरीके अपनाए हैं
गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद सब कुछ ठीक करने को जनता से 50 दिन का समय मांगा था। नोटबंदी के 30 दिन गुजरने के बाद दिल्ली एनसीआर और अन्य राज्य भले ही कैश की किल्लत झेल रहे हों। लेकिन जनपद गाजियाबाद के गांवों में आज भी नोटबंदी के बाबजूद लोगों का आपसी तालमेल नोटबंदी के असर को फेल करने के लिए काफी है।
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गाजियाबाद के इकला गांव का दौरा करके पत्रिका संवाददाता ने लोगों से बातचीत की तो पता चला की संबंधों की मधुरता में नोटबंदी की मुश्किल को पूरी तरीके से हल कर दिया है। जिन गांव के लोगों के सिटी एरिया या दूसरी जगह पर पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी और आढ़त है। उनकी बदौलत पुरे गांव के लोग दिक्कत का समाधान कर रहे है।
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किसानों ने मोदी के इस फैसले की भरपूर सराहना करते हुए अपना रुख साफ़ किया है। उनके मुताबिक यह समय फसल बुआई का है और साथ ही खेतों में खाद का भी है। नोटबंदी के बाद हम सबने मिलजुलकर समस्या को खत्म कर लिया। पीएम मोदी का जो फैसला है जनता के हक के लिए है।
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ग्रामीण आंचल के सुशील शर्मा के मुताबिक हजार पांच सौ रुपए के बंद होने से थोड़ी दिक्कत हुई है। लेकिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का यह फैसला जनता के हित के लिए है। अगर बदलाव के लिए मुश्किल आती है तो कोई दिक्कत नहीं है।
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दोस्त के पंप से मिला पांच लाख से अधिक का केश
फौज से रिटायर और पेशे से किसान प्रेमचंद फौजी ने बताया कि उनके दोस्त अमित त्यागी के पेट्रोल पंप से गांव के लोगों की मदद के लिए 5 लाख से अधिक का कैश छोटे नोटों में दिलवा चुके हैं। इसी तरीके से अन्य लोग भी सहयोग भी कर रहे हैं।