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शर्मनाक! दिल्ली के बाद गाजियाबाद में भी कोविड संक्रमित बुजुर्ग को नहीं मिला इलाज, सड़क पर ही तोड़ा दम

locationगाज़ियाबादPublished: Apr 20, 2021 01:37:28 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

दिल्ली के बाद अब गाजियाबाद में भी बिगड़े हालात। गाजियाबाद के सभी अस्पताल फुल बताए जा रहे हैं। दिल्ली में इलाज ना मिलने के बाद बुजुर्ग को इलाज के लिए लाया गया था गाजियाबाद।

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

गाजियाबाद। कोविड-19 संक्रमण लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहा है और हालात बदतर होते जा रहे हैं। जहां एक तरफ दिल्ली में हालात बिगड़ने के बाद कोविड-19 को फैलने से रोकने के उद्देश्य से एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाया गया है तो वहीं गाजियाबाद में भी हालात पूरी तरह खराब होते नजर आ रहे हैं। कारण, अब गाजियाबाद में किसी भी अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं होने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि अस्पताल पूरी तरह फुल हैं। इसके अलावा अस्पतालों में ऑक्सीजन और रेमेडीसिविर इंजेक्शन की भी कमी बताई जा रही है। हालांकि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन सभी आरोपों को गलत बताया जा रहा है।
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दरअसल, दिल्ली में रहने वाले एक शख्स ने दावा किया है कि गाजियाबाद के किसी भी अस्पतालों में न तो बेड है और न ही ऑक्सीजन व रेमेडीसिविर इंजेक्शन। युवक का कहना है कि वह अपने पिता को दिल्ली में इलाज ना मिलने के कारण तीन दिन भटकते रहे। इलाज के आभाव में उनके पिता की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली जगतपुरी के रहने वाले युद्धवीर के 70 वर्षीय पिता को कोरोना हो गया था। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के सभी अस्पतालों ने उन्हें भर्ती कराने के लिए जगह-जगह चक्कर लगाए। लेकिन उन्हें भर्ती नहीं किया गया। आखिरकार 3 दिन भटकने के बाद उन्होंने गाजियाबाद का रुख किया और युद्धवीर सिंह अपने पिता को बाइक पर बैठाकर वैशाली के मैक्स हॉस्पिटल आए लेकिन यहां भी उनके लिए कोई बेड की व्यवस्था हो पाई। उसके बाद वह अन्य अस्पतालों को खोजने के लिए चल दिए।
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इस बीच ही उनके 70 वर्षीय पिता ने दम तोड़ दिया और वहीं सड़क पर गिर गए। उनकी बॉडी करीब 2 घंटे तक सड़क पर पड़ी रही और किसी ने कोई सुध नहीं ली। पुलिस को भी सूचना दी गई। स्वास्थ विभाग को भी बताया गया। लेकिन कोई नहीं उनकी मदद के लिए आ पहुंचा। यह सूचना कौशांबी के स्थानीय पार्षद मनोज गोयल को मिली तो इंसानियत का परिचय देते हुए वह मौके पर पहुंचे और युद्धवीर की मदद की। साथ ही उनके पिता की डेड बॉडी को एंबुलेंस से दिल्ली पहुंचाया।
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