दरअसल, दिल्ली में रहने वाले एक शख्स ने दावा किया है कि गाजियाबाद के किसी भी अस्पतालों में न तो बेड है और न ही ऑक्सीजन व रेमेडीसिविर इंजेक्शन। युवक का कहना है कि वह अपने पिता को दिल्ली में इलाज ना मिलने के कारण तीन दिन भटकते रहे। इलाज के आभाव में उनके पिता की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली जगतपुरी के रहने वाले युद्धवीर के 70 वर्षीय पिता को कोरोना हो गया था। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के सभी अस्पतालों ने उन्हें भर्ती कराने के लिए जगह-जगह चक्कर लगाए। लेकिन उन्हें भर्ती नहीं किया गया। आखिरकार 3 दिन भटकने के बाद उन्होंने गाजियाबाद का रुख किया और युद्धवीर सिंह अपने पिता को बाइक पर बैठाकर वैशाली के मैक्स हॉस्पिटल आए लेकिन यहां भी उनके लिए कोई बेड की व्यवस्था हो पाई। उसके बाद वह अन्य अस्पतालों को खोजने के लिए चल दिए।
इस बीच ही उनके 70 वर्षीय पिता ने दम तोड़ दिया और वहीं सड़क पर गिर गए। उनकी बॉडी करीब 2 घंटे तक सड़क पर पड़ी रही और किसी ने कोई सुध नहीं ली। पुलिस को भी सूचना दी गई। स्वास्थ विभाग को भी बताया गया। लेकिन कोई नहीं उनकी मदद के लिए आ पहुंचा। यह सूचना कौशांबी के स्थानीय पार्षद मनोज गोयल को मिली तो इंसानियत का परिचय देते हुए वह मौके पर पहुंचे और युद्धवीर की मदद की। साथ ही उनके पिता की डेड बॉडी को एंबुलेंस से दिल्ली पहुंचाया।