क्षेत्राधिकारी प्रथम स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि मुखबिर के माध्यम से पुलिस को सूचना मिली थी कि मालीवाड़ा चौक के पास एक ऐसा गैंग सक्रिय है, जो फर्जी आधार कार्ड बनाता है। सूचना के आधार पर तत्काल प्रभाव से सर्विलांस टीम और पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत छापेमारी की गई तो मौके पर 6 पुरुष और 2 महिलाएं पाए गए, जो कंप्यूटर पर कार्य कर रहे थे। इन सभी को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि यह लोग आधार कार्ड, पैन कार्ड और ईश्रम कार्ड का फर्जीवाड़ा कर रहे थे। अभी तक इनका गैंग करीब 30,000 आधार कार्ड बना चुका है।
आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि इनके गैंग के सदस्य ने आसाम से सुपरवाइजर का ऑपरेटर बनकर आसुजा कंपनी से अटैच करते हुए एक कंपनी नोएडा में रजिस्टर्ड करवा रखी थी। यह लोग खुद की आसाम की आईडी बनाकर गाजियाबाद में बैठकर आधार कार्ड बना रहे थे। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने यह भी बताया कि ये अलग-अलग ठिकाने बनाया करते थे। साथी पुलिस इन्हें टारगेट ना कर पाए।
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फेसबुक पर दोस्ती कर युवती से किया दुष्कर्म, अश्लील वीडियो बनाकर करने लगा ब्लैकमेल ज्यादातर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को बनाते थे निशाना क्षेत्राधिकारी ने बताया कि यह लोग सबसे ज्यादा उन लोगों को अपना निशाना बनाते थे, जो लोग बाहर के होते हैं और झुग्गी झोपड़ियों में रहते हैं। ऐसे लोगों के पास कोई आईडी नहीं होती है। उनसे सात हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक वसूलते हुए आधार कार्ड बनाते थे। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 137 आधार कार्ड, 30 लैपटॉप आदि भारी मात्रा में बरामद किए हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी यह जानकारी भी जुटाई जा रही है कि आखिर किन-किन लोगों को इन्होंने अपना निशाना बनाया है।