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आरुषि हत्याकांड: इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से पहले जानें इस मिस्ट्री मर्डर केस की पूरी टाइम लाइन आपको बतादें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए तलवार दम्पत्ती को सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया था। इस फैसले से तलवार दंपति के साथ-साथ उनके परिजनों में भी खुशी की लहर दौड़ गई। आपको बतादें कि तलवार दंपति गाजियाबाद के डासना जेल में बंदी हैं। डासना जेल के एसपी दधिराम मौर्य का कहना है कि जब तक कोर्ट की ओर से सरकारी दस्तावेज नहीं मिल जाता, तब तक वो तलवार दंपित को रिहा नहीं करेंगे। यह भी पढ़ें
आरुषि हत्याकांड के 9 साल: चाची ने खोले केस से जुड़े कई अहम राज, जो शायद ही जानते होंगे आपतलवार दंपति इलाहाबाद हाईकोर्ट से बरी होने की सूचना मिलने के बाद फैसले के इंतज़ार में राजेश और नुपूर रात भर करवटे बदलता रहे और सुबह होते ही हनुमान का पाठ किया। जेल एसपी दधिराम मौर्य ने बताया कि तलवार दंपत्ति रात भर सोचते रहे और गुमसुम से रहे एवं सुबह हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे थे। कि जैसे ही सूचना मिली कि हाईकोर्ट से बरी हो गए है। तो खुशी में भावुक हो गए। और कहा कि हमे भगवान पर एवं कोर्ट पर विश्वास था कि हम निर्दोष साबित होंगे। तलवार दम्पत्ती ने सुप्रिडेंट को बताया की भगवान ने इंसाफ कर दिया और कोर्ट ने हमे बरी कर दिया। खबर ये भी है कि जेल के अंदर से नुपूर तलवार ने बोला है कि वह आरुषि के असली कातिल को सलाखों के पीछे लाने के लिए जंग लड़ती रहेंगी।
सेक्टर-25 स्थित जलवायु विहार में डेंटिस्ट डॉ. राजेश तलवार और डॉ. नुपूर तलवार अपनी 14 साल की बेटी आरुषि तलवार के साथ रहते थे। आरुषि नौवीं की छात्रा थी। 15/16 मई 2008 की रात को उनके घर में आरुषि का मर्डर हो गया। पहले तो शक उनके नौकर हेमराज पर गया, पर बाद में उसका शव भी छत से मिला। इस मर्डर केस पर किताब लिखी गई, फिल्म बनाई गई लेकिन हत्या की गुत्थी नहीं सुलई पाई।