57 लाख कर दिए हवा में खर्च निर्मल्या वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने महेन्द्रा एन्क्लेव से चिरंजीव विहार को जोडने वाले सम्पर्क मार्ग पर जनसुविधाओं ना होने का वाद कोर्ट में दायर किया था। वाद में नगरायुक्त को वादी बनाया गया है। जिसपर सुनवाई के दौरान निगम ने उक्त स्थान पर सीवर लाइन के सुचारू रूप से चलने और सड़क निर्माण पर 57 लाख की राशि खर्च होना बताया था। लेकिन, मौके पर किसी भी तरह का कोई निर्माण नहीं किया गया।
पुर्नविचार याचिका की सुनवाई पर नहीं पहुंचे निगम अधिकारी नगर निगम द्वारा किए गए सडक़ निर्माण के आंकलन को भी 12 महीने से ज्यादा बीत चुके हैं। वेद प्रकाश अग्रवाल के मुताबिक इस बारे में उन्होंने हाईकोर्ट में पुर्नविचार याचिका डाली थी। जिसपर सुनवाई की गई। मगर सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से ना तो नगरायुक्त पहुंचे और न ही निगम के वकील की तरफ से इलाहबाद कोर्ट में पक्ष रखा गया। इसे लेकर अदालत ने अपने नाराजगी भी जाहिर की है। अब इस मामले में 11 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है और तब निगम के अधिवक्ता लाल साहब यादव को अदालत में निगम का पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
नगर आय़ुक्त को मामले की जानकारी तक नहीं वहीं, इस मामले पर नगर आयुक्त सीपी सिंह का कहना है कि निगम के कई केस अदालत में चल रहे हैं। इसकी वजह से उन्हें इस केस के बारे में जानकारी नहीं है। निगम अधिवक्ता से इसके बारे में जानकारी जुटाई जाएगी।