यह भी पढ़ें- मेडिकल स्टोर संचालक हो जाएं सावधान, लाइसेंस नहीं होने पर जाना पड़ेगा जेल उल्लेखनीय है कि दिवाली के आसपास एकाएक वायु प्रदूषण में बेतहाशा वृद्धि होती थी, लेकिन इस बार दिवाली के करीब एक महीने पहले ही प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। अगर एक्यूआई इसी तेजी से बढ़ता रहा तो दिवाली तक परिस्थितियां बेहद गंभीर हो सकती हैं। लॉकडाउन के दौरान ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 100 से भी नीचे चला गया था। वहीं गाजियाबाद में अक्टूबर से शहर के एक्यूआई में लगातार वृद्धि हो रही है। रविवार तक गाजियाबाद का एक्यूआई 231 ऑरेंज जोन में बना हुआ था। वहीं, सोमवार को शहर के एक्यूआई में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई और करीब छह महीने बाद एक्यूआई फिर रेड जोन में पहुंच गया। गाजियाबाद का एक्यूआई 302 दर्ज किया गया जो कि मानकों से करीब तीन गुना अधिक है। शहर की बात करें तो सबसे प्रदूषित संजय नगर में एक्यूआई 329 दर्ज किया गया। जबकि पीएम दस और पीएम 2.5 का स्तर 289 और 329 दर्ज की गई है, जो कि मानक से ढाई गुना और साढ़े पांच गुना अधिक है।
वहीं, लोनी भी एक्यूआई 321 के साथ रेड जोन में आ गया है। लोनी में पीएम दस का स्तर 290 जबकि पीएम 2.5 का स्तर 321 रहा। हालांकि इंदिरापुरम का एक्यूआई 284 के साथ ऑरेंज जोन में रहा। यहां पर पीएम दस और पीएम 2.5 का स्तर 255 और 284 रहा। गाजियाबाद शहर में सबसे कम प्रदूषित वसुंधरा रहा, जहां एक्यूआई 262 रिकॉर्ड किया गया। यहां पर पीएम दस का स्तर 213 रहा। जबकि पीएम 2.5 का स्तर 262 दर्ज किया गया।
प्रदूषित शहरों की सूची शहर-एक्यूआई 1. बागपत- 333 2. पानीपत-329 3. कुरुक्षेत्र-315 4. गाजियाबाद-302 5. बुलंदशहर-299 6. जींद-294 7. ग्रेटर नोएडा-292 8. मुरादाबाद-291 9. आगरा-283