बताते चलें कि किसानों की यह पदयात्रा सहारनपुर से 11 सितम्बर को शुरू हुई है, जो 21 सितम्बर को दिल्ली स्थित किसान घाट पर समाप्त होगी। किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह के नेतृत्व में किसान एवं मजदूर सहारनपुर से दिल्ली किसान घाट तक पैदल यात्रा कर रहे हैं। कई जिलों के सैकड़ों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर यात्रा में शामिल हुए हैं। सोमवार को मेरठ रुकने के बाद अब किसानों की पदयात्रा मोदीनगर के रास्ते से होकर गाजियाबाद की तरफ बढ़ रही है। किसानों की भीड़ देख स्थानीय पुलिस भी अलर्ट मोड पर है।
नेशनल हाइवे-58 पर सड़क के एक तरफ की रोड को पूरी तरह किसान घेरकर चल रहे हैं, जिससे इस रोड पर जाम की स्थिति बन गर्इ है। दर्जनों टैक्टर-ट्रॉलियों के साथ हजार से ज्यादा किसान पैदल चल रहे हैं। पदयात्रा में शामिल नेताओं के अनुसार किसानों की समस्याओं के जल्द हल निकाले जाने को लेकर किसान सड़कों पर उतरे हैं। उनकी कोई सुनवाई सरकार में नहीं हो रही है। झूठे वादे किसानों से किए गए हैं। संगठन के नेताओं का कहना है कि आज किसान की हालत दयनीय है। किसान आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
इस खबर पर कमेंट करने के लिए यहां क्लिक करें किसान को समय से उसका गन्ना मूल्य भुगतान नहीं मिल पा रहा है और न ही फसल के वाजिब दाम। उल्टा सरकार बिजली की दर में बढ़ोतरी कर किसान की कमर तोड़ने का काम कर रही है। कर्ज के चलते किसान आत्महत्या कर रहे हैं, जिसके चलते सरकार से जवाब मांगने के लिए किसान सड़क पर उतरे हैं। किसानों की कर्जा माफी, फसलों का सही मूल्य, ब्याज सहित गन्ना भुगतान के साथ-साथ स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करना है और सिंचाई के लिए फ्री बिजली जैसी मांगें शामिल हैं।