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यूपी के इस जिले में हड़ताल, हजारों की संख्या में पहुंच रहे किसान, देखें Video

locationगाज़ियाबादPublished: Sep 19, 2019 03:21:03 pm

Submitted by:

lokesh verma

Highlights- 11 सितम्बर को शुरू सहारनपुर से शुरू हुई थी भाकियू की पदयात्रा- 21 सितम्बर को दिल्ली स्थित किसान घाट पर होगी समाप्त- नेशनल हाइवे-58 एक तरफ से पूरी तरह हुआ जाम

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गाजियाबाद. एक ओर जहां नये मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर गाजियाबाद के ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर हैं। वहीं किसानों की समस्याओं के जल्द समाधान को लेकर भारतीय किसान संगठन के नेतृत्व में सहारनपुर से दिल्ली जा रही पदयात्रा मेरठ के रास्ते गाजियाबाद पहुंच चुकी है। पदयात्रा में शामिल किसान काफी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं। इस दौरान मेरठ से गाजियाबाद की तरफ आ रहे नेशनल हाइवे पर जाम लग गया है। किसानों की इस पदयात्रा के मद्देनजर स्थानीय पुलिस प्रशासन भी अलर्ट पर है। पूरी निगाह पुलिस और प्रशासन इस पदयात्रा पर बनाए हुए है।
बताते चलें कि किसानों की यह पदयात्रा सहारनपुर से 11 सितम्बर को शुरू हुई है, जो 21 सितम्बर को दिल्ली स्थित किसान घाट पर समाप्त होगी। किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह के नेतृत्व में किसान एवं मजदूर सहारनपुर से दिल्ली किसान घाट तक पैदल यात्रा कर रहे हैं। कई जिलों के सैकड़ों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर यात्रा में शामिल हुए हैं। सोमवार को मेरठ रुकने के बाद अब किसानों की पदयात्रा मोदीनगर के रास्ते से होकर गाजियाबाद की तरफ बढ़ रही है। किसानों की भीड़ देख स्थानीय पुलिस भी अलर्ट मोड पर है।
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नेशनल हाइवे-58 पर सड़क के एक तरफ की रोड को पूरी तरह किसान घेरकर चल रहे हैं, जिससे इस रोड पर जाम की स्थिति बन गर्इ है। दर्जनों टैक्टर-ट्रॉलियों के साथ हजार से ज्यादा किसान पैदल चल रहे हैं। पदयात्रा में शामिल नेताओं के अनुसार किसानों की समस्याओं के जल्द हल निकाले जाने को लेकर किसान सड़कों पर उतरे हैं। उनकी कोई सुनवाई सरकार में नहीं हो रही है। झूठे वादे किसानों से किए गए हैं। संगठन के नेताओं का कहना है कि आज किसान की हालत दयनीय है। किसान आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
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किसान को समय से उसका गन्ना मूल्य भुगतान नहीं मिल पा रहा है और न ही फसल के वाजिब दाम। उल्टा सरकार बिजली की दर में बढ़ोतरी कर किसान की कमर तोड़ने का काम कर रही है। कर्ज के चलते किसान आत्महत्या कर रहे हैं, जिसके चलते सरकार से जवाब मांगने के लिए किसान सड़क पर उतरे हैं। किसानों की कर्जा माफी, फसलों का सही मूल्य, ब्याज सहित गन्ना भुगतान के साथ-साथ स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करना है और सिंचाई के लिए फ्री बिजली जैसी मांगें शामिल हैं।
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