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कब मिलेगी मरीजों को सोनोग्राफी

locationगाज़ियाबादPublished: Feb 06, 2016 01:01:00 pm

Submitted by:

jainarayan purohit

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मशीन की सुविधा नहीं मिलने की
वजह से मजबूरन निजी अल्ट्रासाउंड केन्द्रों पर महंगे दामों पर
सोनोग्राफी जांच करवानी पड़ रही है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सोनोग्राफी मशीन की सुविधा नहीं मिलने की वजह से मरीजों को मजबूरन निजी अल्ट्रासाउंड केन्द्रों पर महंगे दामों पर सोनोग्राफी जांच करवानी पड़ रही है। जबकि चिकित्सालय में एक सोनोग्राफी मशीन प्रशिक्षित चिकित्सक के अभाव के चलते स्टोर रूम की शोभा बढ़ा रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के निदेशालय की ओर से करीब तीन साल पूर्व राज्य के सूरतगढ़ सहित बावन चिकित्सालयों में सोनोग्राफी मशीन आंवटित की गई।
एक लाख सत्तर हजार रुपए की लागत वाली सोनोग्राफी मशीन श्रीगंगानगर से अनूपगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंची। जून 2014 में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बीकानेर संभाग स्तरीय दौरे के मद्देनजर श्रीगंगानगर स्थित सीएमएचओ कार्यालय ने अनूपगढ़ से यह सोनोग्राफी मशीन सूरतगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आई। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सोनोग्राफी मशीन का संचालन करने के लिए पैन्तीस हजार रुपए जिला कलेक्ट्रेट में जमा करवाकर केन्द्र का पीसीएनडीटी एक्ट के अन्तर्गत पंजीकरण करवाया गया।
हो रही है परेशानी
मरीजों के अनुसार कि चिकित्सालय में सोनोग्राफी मशीन डिब्बे में बंद पड़ी है। अभी तक संचालन शुरू नहींं होने सेे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सोनोग्राफी मशीन चलाने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक का अभाव चल रहा है। यह प्रशिक्षण करीब अठारह सप्ताह का होता है। हालांकि चिकित्सालय में स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ.शंकरलाल शर्मा को गत वर्ष दो से दस जून तक बीकानेर में सोनोग्राफी मशीन के रख रखाव के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद उन्हें सोनोग्राफी मशीन का प्रभारी भी नियुक्त किया गया। मशीन चालू होती उससे पूर्व ही वर्ष 2014 मेें उनका स्थानान्तरण हो गया। इसके बाद चिकित्सक के अभाव में किसी को प्रशिक्षण नहीं दिलवाया गया। हालांकि राज्य सरकार की मांग पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से ब्लॉक से डॉ.जितेन्द्र बोगिया व डॉ. प्रेम परिहार का नाम प्रशिक्षण के लिए राज्य सरकार को प्रेषित किया गया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्टोर रुम में धूल फांक रही लाखों रुपए की सोनोग्राफी मशीन अनुपयोगी साबित हो रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि सोनोग्राफी मशीन पर अभी तक संबंधित फर्म की ओर से ट्रेकर नहीं लगाया गया है। अगर संबधित फर्म ट्रेकर लगाती है, तो इससे सोनोग्राफी मशीन का गलत इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। इसके अलवा जांच के आंकड़ों की सही जानकारी भी मिल सकेगी।
भेजे हैं नाम
राज्य सरकार के आदेशानुसार सोनोग्राफी मशीन संचालन के लिए दो चिकित्सकों को प्रशिक्षण देने के लिए नाम का प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को प्रेषित किया है। प्रशिक्षण होने के बाद ही सोनोग्राफी सुविधा चालू हो सकेंगी।
– डॉ.मनोज अग्रवाल, बीसीएमओ, सूरतगढ़।

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