गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना की पोल उन्हीं के सांसद ने ही खोल दी। बुधवार को सदन में पीएम मोदी के सामने ही बेगुसराय से भाजपा सांसद भोला सिंह ने कहा है कि सरकार स्मार्ट सिटी परियोजना पहले से ही विकसित शहरों में चला रही है, जिससे असमानता फैलेगी।
इसके बाद उन्होंने शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू पर सवाल दागा कि बताएं किस प्रकार स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पहले से ही उन शहरों में चल रही विकास योजनाओं से भिन्न है? इस पर नायडू ने जवाब देते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी योजना का मुख्य उद्देश्य देशभर में 100 स्मार्ट सिटी के माध्यम से हल्के मकानों का निर्माण करना है, जो अन्य के लिए मिसाल का काम करे। इसके साथ ही नायडू ने सिंह के दिए सुझाव को सिरे से नकार दिया, जिसमें कहा गया था कि इस प्रक्रिया में महंगे क्षेत्र और महंगे हो जाएंगे, इसलिए इन क्षेत्रों का चुनाव खुली प्रतियोगिता के तौर पर किया जाना चाहिए। नायडू ने कहा कि असमानता की जो बात भोला सिंह ने की है उसका सरकार पूरी तरह ख्याल रखेगी।
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वहीं, गोरखपुर से भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने सवाल किया कि यूपी से किसी शहर को क्यों नहीं इस सूची में शामिल किया गया। इस पर नायडू ने जवाब दिया कि सरकार ने स्मार्ट सिटी का चुनाव करते वक्त किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया है। सरकार विभिन्न प्रदेश सरकारों के सुझाव पर गौर कर उन्हें सुझाव दे रही है ताकि उनके शहरों को इस सूची में शामिल किया जा सके। नायडू ने कहा कि क्योंकि निर्माण के लिए फंड एक बड़ा मुद्दा है इसलिए सरकार ने पहली सूची केवल 20 शहरों को रखा है।
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मोदी के बदले नायडू ने दिया जवाब सदन में मोदी की मौजूदगी में नायडू ने सिंह की इस बात का भी खंडन किया जिसमें कहा गया था कि पूर्व के लोगों के पास दिमाग है, तो पश्चिम के लोग जिनके पास दिमाग नहीं होता, पैसा होता है। नायडू ने कहा सभी क्षेत्रों के लोगों के पास एक समान ज्ञान होता है। साथ ही इस बात से भी इंकार किया कि पीएम मोदी ने ऐसा कभी नहीं कहा था। बतादें कि पीएम मोदी कई सालों तक गुजरात के मुख्ममंत्री रह चुके हैं जो पश्चिम में पड़ता है और अब वह वाराणसी से सांसद हैं जो पूर्व में है।
गाजियाबाद का भी नहीं आया था सूची में नाम वहीं, गाजियाबाद भी अपना स्मार्ट शहरों की सूची में जोड़ने के लिए तैयारी कर रही है। यहां से सांसद भी भाजपा के ही हैं अौर पूर्व सांसद राजनाथ सिंह के पास गृह मंत्रालय का जिम्मा है।इसके बावजूद गाजियाबाद का नाम पहली सूची में नहीं आया था। अब उम्मीद जतार्इ जा रही है कि दूसरी सूची में इसका नाम अा सकता है। राकेश मार्ग निवासी सुनील सक्सेना का कहना है कि देखते हैं इस बार क्या होता है। शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू का कहना सही है। जब शहर उस लायक नहीं होगा तो उसका नाम लिस्ट में कैसे आएगा। अब जाकर यहां सड़कें ठीक हो रही हैं पर निगम ने कूड़ा उठाने का कोर्इ ठोस प्रबंध नहीं किया है। उधर, संजय नगर निवासी सचिन का कहना है कि इस बार भी गाजियाबाद का सूची में नाम आना मुश्किल है।