यह भी पढ़ें-
Farmers Protest: बिरयानी, तंदूरी रोटी और लजीज पकवानों के साथ अब पिज्जा का भी लुत्फ उठा रहे किसान पत्रकारों से चर्चा करते हुए भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार कानून वापस नहीं हों, इसलिए उलझाना चाह रही है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग फसलों की कीमत को लेकर है। इसलिए दीप सिद्धू मामले को ज्यादा तूल न दें। सरकार इन तीनों कानूनों को वापस लेकर एमएसपी पर कानून बनाए। इसी में किसानों का भला है। उन्होंने कहा कि किसी से 7 बजे शाम को बयान दिलवाया गया और वह 13 घंटे बाद लाल किला पहुंच गया। आखिर कौन लेकर गया और रास्ते किसने दिए यह जांच का विषय है।
टिकैत ने कहा कि हिंसा सरकार ही करा सकती है, क्योंकि यह उसके एजेंडे का हिस्सा होता है। किसान चक्रव्यूह में नहीं फंसा। यह किसानों का आंदोलन है और इसलिए इसे शाहीनबाग नहीं बनाया जाए और उससे तुलना भी न की जाए। उन्होंन फिर दोहराया कि बगैर कानून की वापसी के यहां से कोई वापस नहीं जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि शाहीनबाग की तर्ज पर सरकार किसानों को भी उठाना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि जो पत्थरबाज शाहीनबाग पहुंचे थे, वह यहां भी आए थे।