तीसरे स्थान पर रही थी बसपा आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में हाल में ही निकाय चुनाव हुए हैं। इन चुनावों में आए परिणाम के बाद गाजियाबाद में बसपा तीसरे स्थान पर रही थी। हालांकि, जिस तरह से जनपद में चुनावी लहर दिखाई दे रही थी, पार्टी के नेता यह मानकर चल रहे थे कि इस बार बसपा की प्रत्याशी मुन्नी चौधरी ही मेयर चुनी जाएंगी, लेकिन परिणाम बसपा नेताओं की उम्मीद से विपरीत आया। इसके बाद पार्टी में तमाम चिंतन किया गया। गाजियाबाद नगर निगम में कुल 100 वार्ड हैं। यानी इन सभी वार्डों में बसपा को अपना पार्षद पद के प्रत्याशी मैदान में उतारना था लेकिन महज 45 वार्डों में ही बसपा अपने प्रत्याशी मैदान में उतार पाई। इसका सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं में भीतरघात हुआ है। इसके लिए जिला अध्यक्ष प्रेमचंद भारती पर लाखों रुपए लेकर टिकट देने का आरोप लगा है।
13 पार्षद जीते हैं चुनाव में बसपा के द्वारा 45 वार्डों में उतारे गए पार्षद पद प्रत्याशियों में से 13 ने जीत हासिल की है। उधर, बसपा की मेयर प्रत्याशी मुन्नी चौधरी ने भी पूरे जोश के साथ चुनाव लड़ा था। इसके बावजूद वह तीसरे नंबर पर अटककर रह गईं। बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रेमचंद्र भारती की यह शिकायत पार्टी के आलाकमान तक पहुंची और इस हार का जिम्मेदार उनको ठहराया गया। इस पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए बुधवार को प्रेमचंद भारती को जिलाध्यक्ष पद से हटाते हुए विनोद कुमार प्रधान को जिले की कमान सौंप दी गई। इस मामले में प्रेम चंद भारती का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।