गाज़ियाबाद

Kanwar Yatra के चलते इनका होता है करोड़ों का नुकसान, फिर भी शिव भक्तों का रखते हैं पूरा ख्याल

खबर की मुख्य बातें-
-करीब ढाई हजार करोड़ रुपये का कारोबार इन 10 दिनों में प्रभावित होने की संभावना है
-हालांकि इनके द्वारा खास ख्याल रखा जाता है कि किसी तरह से भी कांवड़ियों को कोई परेशानी ना हो
-ज्यादा भीड़ होने के कारण हरिद्वार से गाजियाबाद तक का रूट पूरी तरह बंद कर दिया जाता है

गाज़ियाबादJul 20, 2019 / 12:53 pm

Rahul Chauhan

kanwarmela

गाजियाबाद। कांवड़ यात्रा के दौरान नेशनल हाईवे 58 के किनारे कारोबारियों का करोड़ों रुपये का कारोबार हर साल प्रभावित होता है। इस बार भी करीब ढाई हजार करोड़ रुपये का कारोबार इन 10 दिनों में प्रभावित होने की संभावना है। हालांकि कारोबारियों द्वारा खास ख्याल रखा जाता है कि किसी तरह से भी कांवड़ियों को कोई परेशानी ना हो। लेकिन ज्यादा भीड़ होने के कारण हरिद्वार से गाजियाबाद तक का रूट पूरी तरह बंद कर दिया जाता है।
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जिसके कारण माल को लाने ले जाने के लिए बड़े वाहन पूरी तरह 10 दिन बंद रहते हैं। यदि बात की जाए गाजियाबाद की तो मोदीनगर से गाजियाबाद के साहिबाबाद बॉर्डर तक पड़ने वाले कुल 8 औद्योगिक क्षेत्र कांवड़ यात्रा के दौरान 10 दिन तक पूरी तरह बंद रहते हैं और मेरठ रोड इंडस्ट्रियल एरिया में करीब 600 छोटे-बड़े उद्योग स्थापित हैं। यह सभी उद्योग कांवड़ यात्रा के दौरान करीब 10 दिन तक पूरी तरह बंद रहते हैं। कारण, इनमें आने वाले माल की आवाजाही पूरी तरह बंद हो जाती है और अब इस बार भी अभी से ही इस रूट पर चलने वाले मालवाहक वाहन पूरी तरह बंद कर दिए गए है।
जिसके कारण इस रूट पर स्थापित सभी उद्योग काफी प्रभावित होंगे। यदि आंकड़ा लगाया जाए तो इन 10 दिनों में करीब ढाई हजार करोड़ से भी ज्यादा का कारोबार प्रभावित होने की संभावन है। इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया कि इस रूट पर सैकड़ों की संख्या में छोटे बड़े उद्योग स्थापित हैं और कांवड़ यात्रा के दौरान करीब 10 दिन तक यह सभी उद्योग हजारों करोड़ों रुपए के कारोबार से प्रभावित होते हैं।
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उन्होंने कहा कि इस बार भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन 10 दिनों में यहां के उद्यमियों का करीब ढाई हजार करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होगा। उन्होंने बताया कि उद्यमियों द्वारा भी कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों के लिए तमाम इंतजाम किए जाते हैं। जो कर्मचारी उनके यहां काम करने आते हैं उन्हें भी कांवड़ियों की सेवा के लिए लगाया जाता है और यह विशेष ध्यान रखा जाता है कि किसी भी तरह से किसी शिव भक्तों को कोई परेशानी ना हो।
उन्होंने कहा कि जिस तरह सभी उद्यमी कांवड़ यात्रा के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों का पूरी तरह सहयोग करते हैं। हालांकि इस रूट पर स्थापित सभी उद्योग के मालिक और कर्मचारी पहले से ही अपनी तैयारी में लगे होते हैं। क्योंकि इस बात का अंदाजा उन्हें पहले से ही होता है कि आने वाले 10 दिन तक माल की आवाजाही बंद हो जाएगी। तमाम तैयारियों के बावजूद भी हजारों करोड़ों रुपए का कारोबार प्रभावित होता है तो उद्यमियों के लिए प्रशासन द्वारा कोई खास योजना तैयार करनी चाहिए। ताकि इस दौरान प्रभावित होने वाले कारोबार से नुकसान की भरपाई की जा सके।
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