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Chamki Fever: बच्चों में दिखें चमकी बुखार के ये लक्षण तो ऐसे बचाएं जान

locationगाज़ियाबादPublished: Jun 22, 2019 04:45:23 pm

Submitted by:

lokesh verma

मुख्य बिंदू-

लोगों में फैली लीची में पाए जाने वाले कीड़ों से चमकी बुखार होनी की अफवाह
चिकित्सक बोले- लीची में पाए जाने वाले कीड़े या वायरस से नहीं पनपती यह बीमारी
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मधु पोद्दार ने बताए चमकी बुखार के लक्षण व बचाव के उपाय

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Chamki Fever: बच्चों में दिखें चमकी बुखार के ये लक्षण तो ऐसे बचाएं जान

तेजेश चौहान/गाजियाबाद. इन दिनों बिहार में जानलेवा चमकी बुखार (Chamki Fever) ने कहर बरपाया हुआ है। इस बीमारी की चपेट में आने से सैकड़ों बच्चे काल के गाल में समा चुके हैं। यही वजह है कि बिहार के साथ देशभर में चमकी बुखार का खौफ देखने को मिल रहा है। बता दें कि मुजफ्फरपुर में भी कुछ बच्चे बीमार हुए हैं। इसका मुख्य कारण लीची के फल में होने वाले वायरस को माना जा रहा है। इसी वजह से लोगों ने लीची फल से दूरी बनानी शुरू कर दी है। चिकित्सकों की मानें तो यह महज एक अफवाह है। चिकित्सकों की राय में लीची में पाए जाने वाले कीड़े या वायरस के कारण यह बीमारी नहीं पनप रही हैं, बल्कि यह एक अलग तरह की बीमारी है।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मधु पोद्दार ने बताया कि बिहार में आजकल चमकी बुखार चल रहा है, जिसके कारण सैकड़ों बच्चों की जान जा चुकी है। इस बीमारी का नाम चमकी बुखार यानी इंसेफ्लाइटिस है। उन्होंने बताया कि यह एक अलग तरह का वायरस है, जिसके कारण खासतौर से यह बच्चों पर ही अटैक करता है। उन्होंने बताया कि इस बुखार से बच्चों को बचाने के लिए खास देखभाल की जरुरत है।
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Chamki Fever: इस तरह बच्‍चों को बचाएं चमकी बुखार से

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चमकी बुखार के कई तरह के लक्षण

– अचानक तेज बुखार आना।
– हाथ-पैर में अकड़ आना।
– बेहोश हो जाना।
– बच्चों के शरीर का चमकना/शरीर का कांपना।
– शरीर पर चकते निकलना।
– ग्लूकोज का शरीर मे कम हो जाना।
– शुगर कम हो जाना।
बरतें ये सावधानियां

– बच्चों को धूप से दूर रखें।
– अधिक से अधिक पानी का सेवन कराएं।
– हल्का व साधारण खाना खिलाएं, बच्चों को जंक फूड न दें।
– बच्चे को खाली पेट लीची न खिलाएं।
– रात को खाने के बाद थोड़ा मीठा जरूर खिलाएं।
– घर के आसपास पानी जमा न होने दें। साथ ही कीटनाशक दवा का छिड़काव करें।
– रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
– बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं, जिससे पूरा बदन ढक जाए।
– सड़े-गले फल का सेवन कतई न करें, ताजा फल ही खिलाएं।
– बच्चों के शरीर मे पानी की कमी न होने दें।
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10 साल तक के बच्चों को अधिक अटैक कर रहा चमकी बुखार

डॉ. मधु पोद्दार ने बताया कि उपरोक्त बातों का सभी को विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि इंसेफ्लाइटिस या चमकी बुखार 10 साल तक के बच्चों को अधिक अटैक कर रहा है। आप अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखें। इसका कोई भी लक्षण नजर आए तो जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचे और डाक्टर से संर्पक करें। डॉ. मधु पोद्दार ने बताया कि आमतौर पर लोग इस बीमारी को लीची खाने के कारण होना मान रहे हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने बताया कि लीची में होने वाला कीड़े या वायरस से केवल उल्टी-दस्त और अपच जैसी बीमारी ही होती है।
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