बिना सुनवाई के निरस्त की समस्या
नगर निगम पर साफ तौर पर आरोप लगाते हुए बताया गया है कि शहर में सडकें टूटी हुई है और जगह-जगह गंदगी के ढ़ेर लगे है। उच्च न्यायालय तक लड़ाई को पहुंचाया जाएगा। आदेश होने के बावजूद न्याय नहीं मिला। सेक्टर दो चिरंजीव विहार में अतिक्रमण का मामला उनके द्वारा उठाया गया। अतिक्रमण तो नहीं हटाया गया बल्कि आस-पड़ोसी दुश्मन बना दिए गए। जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत संख्या 40014017007975 के माध्यम से आवाज उठायी गई। शिकायत हल किए बगैर ही शिकायत का निस्तारण निगम के स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा कर दिया गया।
संविदा कर्मचारियों के नाम पर खेल
वेदप्रकाश अग्रवाल का दावा है कि निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की संख्या ज्यादा दिखाते हुए हर माह लाखों रुपए की चपत नगर निगम को लगा रहे हैं। निगम के महत्वपूर्ण पदों पर ईमानदार अधिकारियों को तैनात किए जाने पर जोर दिया है।