यह भी पढ़ें- बेरोजगार युवाओं को सरकार देगी स्वरोजगार, कमाई होगी धुंआधार उल्लेखनीय है कि तमाम आधुनिक सुविधाओं से लैस देश की पहली रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच चलाई जानी है। विभागीय अधिकारियों का प्रयास है कि अप्रैल 2023 तक नियमित रूप से यात्रियों के लिए रैपिड रेल का संचालन किया जाए। इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। सबसे महत्वपूर्ण इस रेल की लाइन और जहां से रेल का संचालन किया जाना है यानी मानिटरिंग की जाएगी और सिग्नल तीनों ही पॉइंट को हर दृष्टि से जांचा परखा जा रहा है। विभाग के अधिकारी इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी तरह जुटे हुए हैं और इसका ट्रायल 3 से 6 महीने तक किया जाएगा। वहीं, साहिबाबाद से दुहाई तक करीब 17.25 किलोमीटर तक के कॉरिडोर को इसी दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। अब तक रैपिड रेल के 700 पिलर खड़े किए जा चुके हैं और जिस तरह से युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है निश्चित तौर पर अप्रैल 2022 तक गाजियाबाद तक रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा।
24 मीटर की ऊंचाई पर बन रहे स्टेशन एनसीआरटीसी योजना के तहत दुहाई से साहिबाबाद के बीच कुल 4 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। जिसमें साहिबाबाद, दुहाई के अलावा गुलधार स्टेशन और मेरठ तिराहा स्टेशन भी शामिल है। जानकारी के अनुसार, रैपिड रेल के स्टेशन करीब 24 मीटर की ऊंचाई पर बनाए जा रहे हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसकी ऊंचाई ज्यादा इसलिए रखी गई है। क्योंकि गाजियाबाद में मेट्रो की लाइन भी जा रही है।
डिपो में खड़ी हो सकेंगी 12 ट्रेन एनसीआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि रेल कॉरिडर के साथ एक डिपो भी तैयार किया जा रहा है और डिपो का ट्रायल भी अप्रैल 2022 से शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए सभी अधिकारी और एजेंसी रात और दिन जुड़ी हुई हैं। इस डिपो के अंदर ट्रेनों के परिचालन एवं रखरखाव के लिए उसके इंस्पेक्शन, लाइन और कंट्रोल सेंटर भी बनाया जाएगा। कॉरिडर की रेल लाइन भी दुहाई में ही उतारी जा चुकी है और जो डिपो तैयार किया जाएगा। उसमें 12 रेल खड़ी करने की व्यवस्था की जा रही है। बहराल इसके संचालन के बाद लाखों लोगों को इसका लाभ मिल पाएगा।