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निठारी कांड के 9वें मामले में भी पंढेर और कोली दोषी करार, कल होगा सजा का ऐलान, देखें VIDEO

locationगाज़ियाबादPublished: Dec 07, 2017 04:48:48 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

बहुचर्चित निठारी कांड के 9वें मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने पंढेर और कोली दोषी करार दिया। शुक्रवार को सजा सुनाई जाएगी।

court finds maninder singh pandher and surender koli guilty in nithari
गाजियाबाद। बहुचर्चित निठारी कांड में गुरुवार को गाजियाबाद की विशेष सीबीआई की विशेष अदालत ने 9वें मामले में मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेन्द्र कोली को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोनों को धारा 302, 376 और 364 के अंतर्गत दोषी करार दिया है। वहीं, सजा के लिए कोर्ट ने अगली तारीख कल यानी शुक्रवार का दिन तय की है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी 8 मामलों में CBI कोर्ट कोली को दोषी करार देते हुए सजा सुना चुकी है। बता दें कि युवती के अपहरण, हत्या और दुष्कर्म तथा आपराधिक साजिश रचने का इनपर आरोप था।
निठारी कांड मामले में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट में सुरेंद्र कोली के खिलाफ कुल 16 मामले चल रहे थे। इसमें अभी तक कुल 9 मामलों में सुनवाई हो चुकी है। इनमें से सभी 9 मामलों में सुरेंद्र कोली को दोषी करार दिया गया है, जबकि मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ तीन मामले थे। वहीं, मनिंदर सिंह पंढेर को भी कुल दो मामलों में दोषी ठहराया गया है। आपको बता दें कि सीबीआई ने 29 दिसंबर, 2006 को यह मामला दर्ज किया था और यह निठारी कांड में दर्ज नौवां मामला था। इससे पहले बुधवार को सीबाआई के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी की अदालत में डासना जेल में सजा काट रहा कैदी सुरेंद्र कोली पेश हुआ। इस दौरान उसने अपना पक्ष रखते हुए सीबीआई पर अंगुली भी उठाई। लेकिन, सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने कोली के पक्ष का विरोध किया।
इससे पहले 8 मामलो में सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। पहली सजा सितंबर 2009, दूसरी सजा मई, 2010, तीसरी सजा सितंबर, 2010, पांचवी सजा दिसंबर 2010, चौथी सजा दिसंबर 2012, पांचवी सजा अक्टूबर 2016, छठवीं सजा 16 दिसंबर 2016, सातवीं सजा जुलाई 2017 को फांसी की सजा सुनाई गई।
इस बीमारी का शिकार था कोली

पुलिस के मुताबिक, मोनिंदर पंढेर की कोठी में अक्सर कॉलगर्ल्स आया करती थीं। इस दौरान कोली उनसे नजदीकी बढ़ाना चाहता था, लेकिन नौकर होने की वजह से वह अपनी मकसद में कामयाब नहीं हो पाया। इसके कारण वो धीरे-धीरे नेक्रोफीलिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित होता गया और फिर शुरू कर दिया घिनौना काम।
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