जानकारी के मुताबिक, कॉरीडोर के इस निर्माण कार्य में एक से ज्यादा इंजीनियर और 10 हजार से ज्यादा मजदूर दिन रात जुटे हुए हैं। बता दें कि दिल्ली सराय काले खां से मेरठ तक बनाए जा रहे इस प्रोजेक्ट पर 30,426 करोड़ रुपए की लागत आएगी। करीब 82 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली से मेरठ तक कुल 24 स्टेशन बनाए जाने हैं, जिनका कार्य जोरों पर चल रहा है। जबकि गाजियाबाद में साहिबाबाद, गाजियाबाद, दुहाई और गुलधर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही दुहाई में बड़ा डिपो भी तैयार किया जा रहा है। पहले फेज में दिल्ली से गाजियाबाद तक रैपिड रेल कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें- Ayodhya Ram mandir Nirman : कार्यशाला में फिर से गूंजने लगी छेनी-हथौड़ी की खटपट रैपिड रेल काॅरिडोर का सबसे ऊंचा स्टेशन गाजियाबाद के मेरठ चौराहे पर रैपिड रेल कॉरिडोर का सबसे ऊंचा यानी 26 मीटर की ऊंचाई पर बनाया जा रहा है। यहां चार तल पर ट्रैफिक का खास नजारा देखने को मिलेगा। इन चार तल में सबसे ऊपर रैपिड रेल, उसके नीचे मेट्रो चलेगी और उसके नीचे एलिवेटिड रोड पर बस चलेंगी तो सबसे नीचे सड़क पर कार टैक्सी आदि वाहनों का संचालन होगा। इसके अलावा शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन और आरआरटीएस स्टेशन के बीच लोगों को सुविधा दिए जाने के उद्देश्य से एक 200 मीटर लंबा फुटओवर ब्रिज भी बनाए जाने की योजना है। रैपिड रेल कॉरिडोर तैयार होने के बाद गाजियाबाद की तस्वीर पूरी तरह बदली भी नजर आएगी।
पिलर्स पर रखे जा रहे बायडक्ट एनसीआरसीटीसी के सीपीआरओ पुनीत वत्स ने बताया कि सिविल वर्क करीब 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। 900 खंभों के फाउंडेशन का कार्य पूरा किया जा चुका है। अब पिलर्स पर बायडक्ट रखने का कार्य तेजी से चल रहा है। गाजियाबाद में मेरठ तिराहे पर बनाया जा रहा स्टेशन सबसे ऊंचा होगा। स्टेशन के पास से गुजर रही मेट्रो के ऊपर से ही रैपिड ट्रैक भी गुजरेगा।