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गाज़ियाबाद

डासना देवी मंदिर मामला: मंदिर गेट से पकड़े गए लोगों के रिहा होने के बाद उनके गुरु को भी मिली जमानत

मंदिर में पहुंचे दो युवकों पर लगा था महंत की हत्या की साजिश का आरोप। पुलिस ने दोनों को जेल भेजने के बाद उनके गुरु को भी गिरफ्तार किया था।

गाज़ियाबादJun 23, 2021 / 09:35 am

Rahul Chauhan

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गाजियाबाद। डासना स्थित देवी मंदिर में कुछ दिन पहले विपुल विजयवर्गीय और कासिफ नाम के दो शख्स मंदिर में नाम बदलकर पहुंचे थे। जिसके बाद मंदिर के महंत और वहां के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि दोनों लोग मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज की हत्या करने के इरादे से मंदिर में प्रवेश हुए थे। सूचना पर पुलिस ने दोनों लोगों को जेल भेज दिया था। इस पूरे मामले की और गहनता से जांच की गई तो उसमें थाना विजय नगर इलाके की प्रताप विहार कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर सलीमुद्दीन नाम के एक और शख्स को धर्म परिवर्तन की साजिश रचने के आरोप में जेल भेज दिया। लेकिन सलामुद्दीन ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों से इनकार किया है और डॉक्टर सलीम उद्दीन को जमानत भी मिल चुकी है। इस पूरे मामले में जमानत के बाद लौटे डॉक्टर सलीमउद्दीन ने कहा की मेरा धर्मांतरण मामले से कोई लेना देना नही है।
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दरअसल, कुछ दिन पहले दो लोग डासना स्थित देवी मंदिर में पहुंचे थे। लेकिन दोनों पर वहां के कार्यकर्ताओं को शक हुआ तो उनसे गहन पूछताछ की गई। इस दौरान एक ने अपना नाम विपुल विजयवर्गीय बताया जबकि दूसरे ने अपना नाम कासिफ बताया। मंदिर में विशेष वर्ग के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसलिए दोनों को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया इसके बाद दोनों को ही पुलिस हिरासत में ले लिया गया था। पुलिस की पूछताछ के दौरान पता चला कि विपुल विजयवर्गीय काशिफ का जीजा है और विपुल विजयवर्गीय ने धर्म परिवर्तन किया है। धर्म परिवर्तन करने के पीछे थाना विजय नगर इलाके में रहने वाले डॉक्टर सलीमउद्दीन की साजिश रचे जाने का आरोप लगा जिसके बाद पुलिस ने सलीमुद्दीन को भी जेल भेज दिया था। अब सलीमुद्दीन की जमानत हो चुकी है और डॉक्टर सलीम उद्दीन ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है।
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डॉक्टर सलीमउद्दीन ने बताया कि वह हमेशा चैन अमन और शांति सौहार्द बनाने का प्रयास करते हैं। हमेशा से एक सच्चे हिंदुस्तानी की तरह यहां रहते हैं। वह एक इंस्टिट्यूट चलाते हैं। विपुल विजयवर्गीय उनके इंस्टिट्यूट में ही पढ़े थे। डासना देवी मंदिर में जो विपुल विजयवर्गीय और कासिफ पकड़े गए थे। उन दोनों को मंदिर में भेजना की कोई मंशा नहीं थी। उन्होंने दोनों को मंदिर में जाने से मना किया था। लेकिन विपुल विजयवर्गीय ने कहा कि वह धर्म का प्रचार करता है और शांति सौहार्द की बात करने के लिए महाराज जी से मिलना चाहता है। विपुल विजयवर्गीय ने अपनी मर्जी से ही धर्म परिवर्तन किया है। इस मामले में उनका कोई लेना देना नहीं है। उन्हें बेवजह जेल भेजा गया है और उनका नाम धर्म परिवर्तन कराने के मामले में जोड़ा जा रहा है। जो बिल्कुल बेबुनियाद है और वह हमेशा चैन अमन पसंद करते हैं। बेवजह उन्हें 10 दिन जेल में रहना पड़ा है।

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