इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए नगर आयुक्त का कहना है कि कूड़े से बिजली बनाए जाने की योजना पूरी हो चुकी है। गालंद में दो चरणों के अंदर कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट लगाए जाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया के लिए नीदरलैंड की कंपनी से करार हुआ है और मंगलवार यानी आज इस योजना समय कई परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार और नीदरलैंड सरकार के बीच करार हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस पूरी योजना को बनाए जाने के लिए और करार दौरान खुद नीदरलैंड के प्रधानमंत्री भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि गालन में दो चरणों में प्लांट लगाए जाने के बाद वहां पर कुल 45 मेगा वाट बिजली बनाए जाने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि प्लांट लगने से पहले ही कंपनी कूड़े की कैलोरीफिक वैल्यू की जांच कर चुकी है। इस प्रक्रिया में शहर भर से रोजाना निकलने वाले 12 सौ मीट्रिक टन कूड़े में से 700 किलो वॉट बिजली बनाने में उपयोगी पाया गया है। यानी प्लांट की क्षमता के अनुसार और भी ज्यादा कूड़े की आवश्यकता होगी। इस पूरी प्रक्रिया के बाद शहर भर से निकलने वाले सभी कूड़े को डिस्पोजल तो किया ही जा सकेगा बल्कि इससे बिजली का उत्पादन भी होगा।
नगर आयुक्त का कहना है कि इस प्लांट को लगाए जाने के लिए कुल 35 एकड़ जमीन को जीडीए ने जमीन खरीदकर नगर निगम को दिया है। और जल्द ही यहां पर दो चरणो में प्लांट तैयार कर बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा ।साथ ही शहर में जगह-जगह दिखाई देने वाला कूड़ा भी पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।