दरअसल, गाजियाबाद के प्रताप विहार के जी ब्लॉक निवासी निर्मल कुमार गौरैया संरक्षण का कार्य करते हैं। उनका कहना है कि वह करीब 6 साल से इस पर ही पूरी तरह ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। उनके रखरखाव के लिए घर पर भी उन्होंने पूरी व्यवस्था की हुई है। इसके अलावा वह अन्य लोगों को भी किसके प्रति लगातार जागरूक कर रहे हैं। निर्मल ने अपने घर में गौरैया के लिये 650 घोंसले बनाये हुए हैं।
निर्मल का आरोप है कि उनके घर के पीछे लगाये गये मोबाइल टावर की वजह से 12 गौरैया की मृत्यु हो गई है। गौरैया की मौत के बाद उन्होंने मोबाइल टावर हटवाने के लिये गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में शिकायत की है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने टावर मालिक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। आरोप है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण नोटिस तो जारी कर देती है लेकिन कार्रवाई नहीं करती है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने 24 दिसंबर 2020 को भी लोनी में टावर हटाने के लिये नोटिस जारी किया था। लेकिन आज तक भी टावर ऐसे ही खड़ा हुआ है।
मनुष्यों को भी हो रहा नुकसान वह बताते हैं कि कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट के शोध व अध्ययन में यह सामने आया है कि टावर से निकलने वाली इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन कोशिकाओं को नष्ट करती है ये कैंसर को पैदा करने में सक्षम है। इसके अलावा इससे दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं। इसके साथ ही शोध में बताया गया है कि रेडिएशन के प्रारंभिक लक्षणों में सिरदर्द, थकान, स्मरण शक्ति की कमी और दिल व फेफड़ों की बीमारियां भी शामिल हैं।