बता दें कि ग्रेटर नोएडा के एक गांव की रहने वाली इस बच्ची के पिता पेशे से किसान हैं। यह बच्ची उनकी तीन बेटियों में से दूसरे नंबर की है। उन्होंने बताया कि यह बेटी दो साल से घर में चोरी कर रही है। वहीं बच्ची के चाचा ने बताया कि पहले तो उन्होंने इसकी हरकतों पर डांट लगार्इ, लेकिन इसके बाद इसने गांव के अन्य घरों में चोरी करनी शुरू कर दी। इतना ही नहीं यह बच्ची कई-कई दिन के लिए घर से लापता हो जाती है। माता-पिता कई बार इसकी पिटाई भी कर चुके हैं, लेकिन यह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। इसकी हरकतों की वजह से मां की मानसिक स्थिति बिगड़ चुकी है।
उन्होंने बताया कि सप्ताहभर पहले बच्ची मां के साथ बुलंदशहर में अपने एक रिश्तेदार के यहां गई थी। इस दौरान वहां रेलवे स्टेशन पर मां उसे डांट दिया। इस पर बच्ची अपनी मां को ही प्लेटफार्म से ट्रैक पर धक्का देकर फरार हो गई। इसकी वजह से इसकी मां को मेरठ में भर्ती किया गया है। जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। इसलिए वह इसे अब घर नहीं ले जाना चाहते हैं।
शनिवार शाम को बच्ची गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर जीआरपी को मिली। जीआरपी ने परिजनों को फोन कर बच्ची को ले जाने के लिए कहा। मगर परिजनों ने उसे घर ले जाने से साफ इन्कार कर दिया। पिता ने कहा कि वह अब अपनी बेटी को कभी घर नहीं लाना चाहते। उसकी पत्नी को डॉक्टरों ने खून चढ़ाने के लिए कहा है। खून नहीं मिलने उसकी जान जा सकती है। इस मामले में जीआरपी थाना प्रभारी अशोक सिसौदिया का कहना है कि फिलहाल बच्ची को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया है।