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आंदोलन को मजबूत करने के लिए बनारस के अस्सी घाट से गंगाजल लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे किसान जिस तरह से किसान आंदोलन को मजबूती दे रहें हैं और अस्थाई पंडाल की तैयारी कर रहे हैं। उससे साफ जाहिर है कि किसान अब यहां से हिलने वाले नहीं हैं। धरने पर बैठे किसानों ने धरना स्थल पर ही बकायदा होलिका दहन के लिए भी स्थल बना दिया है। किसानों ने अपनी ओर से होली पर पकवान बनवाने और रंग और मिठाई लाने की व्यवस्था भी शुरू कर दी है। संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि किसानों की बात अगर सरकार नहीं सुनेगी तो वह होली यूपी गेट पर ही मनाएंगे। इसके लिए रंग, गुलाल, पानी, मिठाई और फल भी लाए जाएंगे, ताकि इस त्योहार बॉर्डर पर ही मनाया जाए।
वहीं, दूसरी तरफ जिस जगह किसानों का मंच बना हुआ है, वहां पर भी गर्मी और बरसात से बचने के लिए पूरे तरह इंतजाम किए जा रहे हैं। 200 फीट के एरिया को लकड़ी के फट्टे और चटाई से ढका जाएगा। इसके लिए बाकायदा लोहे की शटरिंग भी की जा रही है। किसान नेता जगतार सिंह ने बताया कि इसको तेजी से बनाने का काम चल रहा है, जो दो-तीन दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। इस शेड के नीचे न सिर्फ मंच रहेगा, बल्कि यहां पर आने वाले किसान समर्थकों को भी इसी के नीचे स्थान दिया जाएगा।
जगतार सिंह ने बताया कि इस बार किसान होली भी धरना स्थल पर ही मनाएंगे। अब होलिका दहन के लिए सामग्री जमा कर रहे हैं। किसान आंदोलन में कोल्हू लगा दिया गया है। कोल्हू से जो गन्ने की खोई बच रही है, उसको जलाने के काम में लाने के लिए होलिका दहन पर रखा जा रहा है। साथ ही गांव से किसानों ने लकड़ियां भी मंगाई है । उसको भी रख दिया गया है। यहां होलिका दहन का भव्य आयोजन किया जाएगा।