आंदोलन को मजबूत करने के लिए बनारस के अस्सी घाट से गंगाजल लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे किसान
Highlights
- कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर 92 दिन से गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसान
- बनारस से आए किसानों ने किया आंदोलन का समर्थन
- किसान नेता बोले- अब दिखने लगी है किसानों की एकजुटता

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद. कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान पिछले 92 दिन से धरने पर बैठे हैं। यह रास्ता पूरी तरह जाम किया हुआ है। अब किसान नेता लगातार अपने आंदोलन को मजबूती देने में जुटे हुए हैं। राकेश टिकैत जगह-जगह जाकर किसानों से संपर्क साध रहे हैं। इसका असर दिखाई देने लगा है। बुधवार को बनारस से एक समाजसेवी राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता हेमंत यादव अपने तमाम समर्थकों के साथ धरना स्थल पहुंचे। हेमंत यादव बनारस के अस्सी घाट से अपने साथगंगाजल भी लाए और उन्होंने कहा कि उनका किसानों आंदोलन को पूरी तरह समर्थन है। बनारस से आए किसानों के दल को देखकर पहले से धरना स्थल पर बैठे किसान बेहद उत्साहित दिखाई दिए।
उन्होंने यहां जल यंत्र में पानी जमा किया और बचे हुए गंगाजल को फुलवारी के पौधों में सींचा। पानी देने के दौरान सुयंक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा मौजूद रहे। इस गंगाजल का राकेश टिकैत व जगतार सिंह द्वारा किसान क्रांति गेट पर बनने वाले कुंड में इस्तेमाल किया जाएगा।
बहरहाल किसान आंदोलन में लगातार हर दिन दूरदराज से किसानों का जत्था पहुंच रहा है और तमाम बड़े किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। दूरदराज से आ रहे किसानों को देखकर धरना स्थल पर पहले से ही बैठे किसान बेहद खुश नजर आ रहे हैं। किसान नेताओं को कहना है कि अब किसानों की एकजुटता दिखाई देने लगी है। इसलिए अब सरकार को किसानों की बात माननी ही होगी।
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