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पूरी हुई पिता की आखिरी इच्छा, बेटी की शादी रचाते ही दुनिया को कहा अलविदा

locationगाज़ियाबादPublished: May 01, 2021 04:28:50 pm

Submitted by:

lokesh verma

पिता नेे खुद का ऑक्सीजन (Oxygen) लेवल गिरता देख आनन-फानन में कराई बेटी की शादी (Daughter’s marriage), बेटी-दामाद को आर्शीवाद देते ही तोड़ दिया दम, गाजियाबाद (Ghaziabad) की शिप्रा सनसिटी सोसायटी की घटना

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पिता नेे खुद का ऑक्सीजन लेवल गिरता देख आनन-फानन में कराई बेटी की शादी।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद. कोरोना महामारी के इस दौर में जब अस्पताल में बेड नहीं मिला तो अपना अंत समय नजदीक देख एक पिता ने आखिरी इच्छा (Last Wish) व्यक्त की कि उसकी आंखों के सामने ही बेटी शादी ((Daughter’s marriage)) रचाई जाए। यह सुनते ही आनन-फानन में मंदिर के पुजारी बुलाकर बेटी की शादी कराई गई। मंत्रोच्चार के साथ पंडित ने जयमाला की रस्म कराई। शादी संपन्न होने के बाद बेटी और दामाद को आशीर्वाद देते ही पिता की सांसों की डोर टूट गई। हर तरफ चीख-पुकार मच गई। इसके बाद बेटी की डोली से पहले पिता की अर्थी उठाई गई। यह दृश्य देख हर किसी की आंखें नम हो गईं।
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दरअसल, गाजियाबाद की शिप्रा सनसिटी में रहने वाले राजकुमार की दोनों किडनी खराब होने पर ट्रांसप्लांट किया गया था। राजकुमार को उनकी पत्नी ने ही अपनी एक किडनी दी थी, लेकिन सुधार होने के बजाय राजकुमार की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही थी। इधर, उनकी बेटी पारूल की शादी को लेकर घर में तैयारियां चल रही थीं। 29 अप्रैल को पारूल की मेहंदी की रस्म हुई थी। परिवार में शादी की खुशियां मनाई जा रही थीं। इसी बीच राजकुमार अचानक गिर पड़े। उनमें कोरोना के लक्षण भी थे। पिछले दिनों ही उन्होंने कोरोना की जांच कराई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं आई थी। स्थानीय पार्षद के मुताबिक, उनका ऑक्सीजन लेवल भी नीचे जा रहा था। यह देख उन्हें तुरंत सोसायटी के क्लब हाउस में ले जाकर कंसंट्रेटर मशीन से ऑक्सीजन दी गई।
मेहंदी लगे हाथों के साथ रातभर अस्पतालों में पिता को लेकर भटकती रही बेटी

इसके बाद मेहंदी लगे हाथों के साथ बेटी अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ पिता को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए रातभर भटकती रही। जबकि उसका होने वाला पति भी ससुर की जान बचाने के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल चक्कर काटता रहा, लेकिन किसी भी अस्पताल में बेड नहीं मिल सका। पार्षद संजय सिंह ने बताया कि जब बेड नहीं मिला तो सोसायटी में ही डॉक्टर और टेक्निशियन की व्यवस्था की गई। उन्होंने बताया कि राजकुमार को बेटी की शादी की चिंता सता रही थी। राजकुमार को लग रहा था कि उसके चलते बेटी की शादी में विघ्न पड़ जाएगा।
बेटी-दामाद को आशीर्वाद देते ही उखड़ीं सांसें

संजय सिंह ने बताया कि राजकुमार ने कहा कि उसकी आखिरी इच्छा है कि उसकी बेटी की शादी अभी की जाए। इसके बाद संजय सिंह ने लड़के के परिजनों से बात कर उन्हें सोसायटी में बुला लिया। इसके बाद सोसायटी के मंदिर के पुजारी को मौके पर बुलाकर राजकुमार के सामने ही मंत्रोच्चार के साथ जयमाला की रस्म निभाई गई। जयमाला के बाद बेटी और दामाद को राजकुमार नेे अपना आशीर्वाद दिया तो सांसें उखड़ने लगीं। जैसे ही वह अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाने के लिए राजकुमार को सोसायटी से बाहर लाए तो उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बाद गमगीन माहौल में बेटी की डोली से पहले पिता की अर्थी उठाई गई।

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