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173 लाभार्थियों की सूची प्रशासनिक अधिकारियों ने की थी जारी
तहसील प्रशासन द्वारा 295 पात्र लाभार्थियों की सूची तमाम पड़ताल के बाद जिला नगरीय विकास अभिकरण डूडा को भेजी थीं। इसमें भी बाद में जिला प्रशासन के द्वारा 40 अधिकारियों को लगाते हुए नए सिर से पड़ताल करार्इ थी। इस पड़ताल के बाद 173 लाभार्थियों की सूची प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा जारी की गई थी। प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा जारी की गई सूची के आधार पर ड्रॉ की कार्रवाई की गई और 75 लाभार्थियों को भवन आवंटन कर दिए गए। इनमें से 7 विकलांग,21 विधवा और 45 भवन अन्य श्रेणी के लोगों को दिए गए।
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आवंटन निरस्त करने के बाद भी कब्जा कर रह रहे है, लोग
जिला नगरीय विकास अभिकरण के द्वारा योजना के तहत 1504 भवनों का निर्माण कराया गया था। योजना में आवंटित किए गए भवनों में 860 आवंटन गलत तरीके से अपात्र लोगों को किए जाने की शासन स्तर पर शिकायत की गई थीं। जिला प्रशासन के द्वारा की गई पड़ताल के बाद 452 आवंटन निरस्त कर दिए गए थे। पता चला कि आवंटन निरस्त किए जाने के बावजूद बड़ी संख्या में बाहरी लोग भवनों पर कब्जा किए हुए है। इन भवनों को खाली कराने के लिए बाकायदा स्टाफ को नोटिस चस्पा करने के लिए लगाया गया है।
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इन लोगों को दी जाती है प्राथमिकता
अभिकरण के जिला परियोजना अधिकारी पवन कुमार शर्मा ने कहा कि ड्रा के माध्यम से भवनों का आवंटन किए जाने के दौरान विधवा और विकलांगों को भवन आवंटन में प्राथमिकता दी जाती है। खासतौर से विधवा और विकलांगों को ग्राउंड फ्लोर के भवन दिए जाते है। अगर गलत तरीके से लोग मिले, तो उन्हे बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।