दरअसल, जिले में अब तक सामने आए संक्रमितों में महिलाओं की संख्या 33.15 फीसदी है। वहीं, पुरुषों की संख्या महिलाओं से दोगुनी 66.2 फीसदी है। जिले में कोरोना संक्रमण शुरू हुए 6 महीने हो चुके हैं।इन 6 महीनों में जिले में लगभग 9 हजार लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार संक्रमण का शिकार हुए 69 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि लगभग 1200 लोग अभी भी संक्रमण से जूझ रहे हैं। इनमें बच्चे, बूढ़े और महिलाएं भी शामिल हैं।
कोरोना संक्रमण के शुरूआती दौर में विदेशों की स्थिति काआंकलन करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से विशेष निर्देश दिए गए थे कि बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, बच्चे और विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कोविड-19 से स्वस्थ होने में काफी समय लगता है, ऐसे में उनको बेहद सावधान रहने की जरूरत है और उनको घरों में सुरक्षित रहना है। वहीं, शासन की ओर से छोटे बच्चों को अभी भी बाहर घूमने की अनुमति नहीं है।
सरकार की यह व्यवस्था कोरोना के नियंत्रण में सही साबित हुई। लॉकडाउन और अनलॉक की अवधि में केवल युवा और अधिकांश पुरुष लोग ही घरों से बाहर निकले थे। दफ्तर या व्यवसाय के लिए पुरुष बाहर निकले थे महिलाएं घरों में ही रहीं थीं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो घर में रहने से महिलाएं कोरोना संक्रमण से अधिक सुरक्षित रहीं जबकि घर से बाहर रहने के कारण पुरुष संक्रमण के ज्यादा शिकार हुए। जिले के दो सितंबर के आंकड़ों के अनुसार कुल संक्रमितों की संख्या 8687 थी, जिसमें 2880 महिलाएं हैं, 5804पुरुष और तीन अन्य हैं।पिछले छह माह में 20 से 59 वर्ष आयु वर्ग वाले उपचाराधीनों की संख्या 6688 (78 फीसदी) रही हैं। बहरहाल यह साफ है कि अब तक के इन आंकड़ों के अनुसार जनपद में कोरोना की चपेट में महिलाओं से ज्यादा पुरुष आ रहे हैं।