दरअसल गाजियाबाद में सालों से राज दफन था जिस पर कोई ध्यान नहीं देता था। लेकिन इस बात की जानकारी गाजियाबाद के घंटाघर नगर कोतवाली में पिछले 25 साल से तैनात होमगार्ड इस राज को जानता था। कोई अनहोनी न हो इसलिए वह आने वाले हर नए थानेदार या आला अफसर नगर कोतवाली आता तो उसे बताता। लेकिन कभी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
लेकिन हाल ही में होमगार्ड ने वीरपाल ने डीएम को बताया कि जनाब, कोतवाली के पीछे फांसी घर है। जिसके बाद डीएम वहां पहुंचे और वहां देखा की गंदगी का अंबार लगा हुआ था। बस फिर क्या उन्होंने साफ-सफाई का आदेश दिया। उसके बाद जो सामने दिखा उसे देख सब खड़े अवाक रह गए। सूचना मिलने पर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य राज्य मंत्री व स्थानीय विधायक अतुल गर्ग भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि वहां फांसी घर है।
इतना ही नहीं सफाई में सबसे पहले एख लोहे का गेट मिला। जिसके अंदर कैदी को लटकाने के लिए लोहे की रॉड बनी हुई है। धीरे-धीरे जब और अंदर देखा गया तो तख्त हटाने के बाद फांसी पर लटकने के लिए करीब 3 फुट गहरा गड्ढा भी मिला। इस बारे में कोतवाली भारी लक्ष्मण वर्मा ने अंदर देखने पर पता चला कि यहां से एक रास्ता कोतवाली को जाता है, जबकि दूसरा जीटी रोड पर निकलता है, जहां फिलहाल सीओ (डीएसपी) फर्स्ट का ऑफिस बना हुआ है।
इस बारे में मंत्री अतुल गर्ग ने कहा कि जब तक पुरातत्व विभाग इसकी पुष्टि नहीं करता है, तब तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है। हालाकि लोगों का कहना है कि यह अंग्रेजों के जमाने का है,जहां कैदियों को मौत की सजा दी जाती है।