जेब खर्च के मिलते थे 2 हजार रुपये एसपी सिटी श्लोक कुमार के मुताबिक, सुमित को कॉलेज टाइम से सिगरेट की लत लग गई थी। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान उसे जेब खर्च के 2 हजार रुपये मिलते थे। इससे उसने सिगरेट पीनी शुरू कर दी। बाद में उसे ड्रग्स ने अपनी जकड़ में ले लिया। उसकी हालत ऐसी हो गई थी कि ड्रग्स न मिलने पर उसके हाथ-पैर कांपने लगते थे। इसी वजह से जनवरी में उसकी 87 हजार महीने की सैलरी वाली नौकरी भी छूट गई थी। नौकरी छूटने के बाद उसने अपनी पत्नी अंशुबाला से चोरी और लूटपाट करने की बात कही। अंशुबाला ने इसका विरोध किया तो उसने इस तबाही की प्लानिंग की।
ऐसे मारा परिवार को वारदात वाली रात शनिवार को उसने परिवार को कोल्ड ड्रिंक में नशे की दवा पिला दी थी। उस रात सुमित का बड़ा बेटा प्रतिमेष उससे लिपटकर सोया हुआ था। सुमित उसे सबसे ज्यादा प्यार करता था। उसने सबसे पहले प्रतिमेष की गला रेतकर हत्या की। इसके बाद वह पत्नी के कमरे में गया। वहां उसने आरव और आकृति का कत्ल किया। इतने में अंशुबाला जग गई। उस ने बचने की कोशिश की लेकिन नाकाम रही। पुलिस के मुताबिक, सुमित ने बताया कि जान लेने से ज्यादा कठिन है जान देना। उसने दो बार आत्महत्या की कोशिश की लेकिन हिम्मत नहीं हुई। ट्रेन के टॉयलेट में उसने मेडिकल स्टोर से लिया सायनाइड (जहरीला पदार्थ) पिया लेकिन कुछ नहीं हुआ। फिर उसने ट्रेन से कूदने की कोशिश की लेकिन डर गया।
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