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यूपी को मिले 580 नए सहायक अभियंता, फाइनल चयन रिजल्ट जारी गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि गाजियाबाद नगर निगम की ओर से राज्य सरकार, मर्चेंट बैंकर एके कैपिटल सर्विस लिमिटेड, एसक्रो बैंकर एचडीएफसी बैंक लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के साथ सभी अनुबंधाें की कार्यवाही पूरी हो चुकी है। इसमें लीगल काउंसिल एमवी किनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने बताया कि इसके तहत गाजियाबाद नगर निगम की तरफ से जारी किए जाने वाले बांड के तहत शहर को जल संरक्षण एवं जल उपलब्धता में मदद मिलेगी। साथ ही शहर की औद्योगिक इकाइयों को भी औद्योगिक स्तर के जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा सकेगी।
नगर निगम की महापौर आशा शर्मा ने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद नगर निगम दूसरे नंबर पर बॉन्ड साइन करने की श्रेणी में आ गया है। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद नगर निगम का यह बॉन्ड 25 मार्च को साइन किया गया था। इसे ग्रीन बांड का दर्जा दिया गया है। इस बांड के साइन होने के बाद से नगर निगम का ही नहीं, बल्कि पूरे गाजियाबाद का मान सम्मान बढ़ेगा। इस तरह की श्रेणी में आने के बाद लोगों को एक नई अपॉर्चुनिटी भी मिलती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से स्थानीय लोगों की मदद से नगर निगम इस श्रेणी में आया है। इसके लिए नगर निगम के अलावा स्थानीय लोग भी बधाई के पात्र हैं।
एसटीपी से उद्योगों को सप्लाई होगा पानी बता दें कि गाजियाबाद नगर निगम ने म्युनिसिपल बॉन्ड के जरिए 150 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस राशि से सीवरेज के शोधन का प्लांट लगाया जाएगा, जिससे उद्योगों को पानी सप्लाई करने की योजना है। इसके लिए नगर निगम ने गुजरात की एक फर्म से डीपीआर भी तैयार कराई है। योजना लागू होने के बाद उद्योगों की भूजल पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी। साथ ही जल दोहन पर रोक लग सकेगी।
2019 में योगी सरकार ने दी थी अनुमति गौरतलब हो कि योगी सरकार की तरफ से 2019 में गाजियाबाद और लखनऊ नगर निगम को बॉन्ड जारी करने की अनुमति मिली थी। निगम अधिकारियों ने दावा किया है कि गाजियाबाद नगर निगम को ए-प्लस क्रेडिट की रेटिंग मिली है। उन्होंने बताया कि नगर निगम को बॉन्ड जारी करने से पहले तीन वर्ष की बैलेंस शीट देखी जाती है।