2011 में लगाए गए थे पचास कैमरे नगर निगम में 2006 में लाखों रूपये की कीमत के 50 कैमरे लगाए गए थे। इनमें छह कैमरे मूवेबल शामिल थे। मूवेबल कैमरों की कीमत तीस हजार से अधिक शामिल थी। छह साल तक इन कैमरों ने बेहतर काम किया। लेकिन मेटीनेंस के अभाव में सभी कैमरे धूल फांकने लगे। कैमरों के खऱाब होने की वजह से अनियमिताओं के मामलों में इजाफा हो गया।
ढाई लाख रुपये से अधिक आता है सालभर का खर्च नगर निगम के आईटी सेल के प्रभारी मुबारक सिद्दकी के मुताबिक कैमरों की देखरख के लिए समय समय पर रख-रखाव होना जरूरी है। अभी तक जो भी कैमरे लगे हुए थे उनकी मेटिनेंस पर एक साल में ढाई लाख रुपये का खर्चा आता था।
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चाची से था युवक का अवैध संबंध, चाचा और बड़े भाई ने उतारा मौत के घाट नगर आयुक्त का कहना नगर आयुक्त सीपी सिंह के मुताबिक नगर निगम के परिसर में लगातार हुई अनियमिताओं के बाद में पांचो तल को सीसीटीवी से लैंस करने का काम किया जा रहा है। सभी जगहों पर अच्छी क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है। इसके अलावा पुराने कैमरों को भी दिखवाया जा रहा है। साल दर साल नए और पुराने कैमरों का अब मेटीनेंस किया जाएगा ।अब तक ये हो चुकी है अनियमिता
– अवंतिका सोसाइटी हैंडओवर की फाइल का गायब होना।
– उद्धान विभाग की फाइल का गायब होना। – जलकल विभाग से ताला टूटकतर फाइल का गायब होना। – सम्पत्ति विभाग से करोड़ों की जमीन के पेपर गायब।