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Ghaziabad: निजी स्कूलों ने बनाया फीस जमा करने का दबाव तो अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे अभिभावक, देखें वीडियो-

locationगाज़ियाबादPublished: Jul 04, 2020 11:47:43 am

Submitted by:

lokesh verma

Highlights
– Ghaziabad पेरेंट्स एसोसिएशन ने डीएम ऑफिस के सामने शुरू किया धरना प्रर्दशन
– अप्रैल, मई और जून के महीनों की School Fee माफ करने की मांग
– कहा- महामारी के चलते बेरोजगार हुए बहुत से अभिभावक फीस भरना मुश्किल

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गाजियाबाद. दिल्ली से सटे गाजियाबाद ( Ghaziabad ) में पेरेंट्स एसोसिएशन ( Parents Association ) निजी स्कूलों ( Private Schools )में बेतहाशा बढ़ाई जाने वाली फीस का लगातार विरोध करती आ रही है, लेकिन उन्हें अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिल सकी है। पेरेंट्स एसोसिएशन का कहना है कि प्रदेश और केंद्र सरकार से यह गुहार लगाई जा चुकी है कि जब से देशभर में लॉकडाउन ( Lockdown ) किया गया है। तब से निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की 3 माह की फीस माफ करनी चाहिए, लेकिन इस पर भी कोई सुनवाई नहीं होने के बाद अब पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्य गाजियाबाद जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने ( Protest ) पर बैठ गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक इस पर निर्णय नहीं लिया जाता तब तक वे लोग धरने से नहीं उठेंगे।
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पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने बताया कि गाजियाबाद में जितने भी निजी स्कूल हैं। उनके द्वारा अभिभावकों से मोटी फीस वसूली जाती है, जिसका विरोध पिछले काफी समय से पेरेंट्स एसोसिएशन करती आ रही है, लेकिन इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं गया है। उन्होंने बताया कि पेरेंट्स एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से भी यह गुहार लगाई गई है कि कम से कम जब से लॉकडाउन किया गया है उस दौरान अभिभावकों को राहत देते हुए बच्चों की 3 महीने की फीस माफ करनी चाहिए। जबकि खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत बनाना है। आत्मनिर्भर भारत तभी बन पाएगा। जब बच्चों को उच्च शिक्षा मिल पाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकारी स्कूलों में इस तरह का सुधार किया जाए, जिस तरह निजी स्कूलों में पढ़ाई कराई जाती है या फिर निजी स्कूलों को यह आदेश दें कि कम से कम 3 महीने की फीस माफ करते हुए ऐसे महामारी काल में बच्चों के अभिभावकों को राहत दी जाए। सीमा त्यागी ने बताया कि इस महामारी काल में बहुत से लोग बेरोजगार हो गए हैं, जिनके बच्चे स्कूलों में पढ़ रहे थे उन्हें बच्चों की फीस भरना बेहद मुश्किल हो रहा है । ऊपर से स्कूल अभी भी फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं। इसलिए उन्हें इन 3 महीने की राहत देनी चाहिए, ताकि अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई ठीक से करा सकें। उन्होंने कहा कि इनकी लड़ाई जिला प्रशासन से नहीं प्रदेश और केंद्र सरकार से है और जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक वह लोग धरने से नहीं उठेंगे।
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