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इस जिले के लोगों से छिन गया ‘FIR’ का अधिकार, UP Police बोली- अब इसकी जरूरत नहीं!

locationगाज़ियाबादPublished: Oct 08, 2019 07:11:55 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
-पुलिस ने डायल एफआइआर (dial fir) की व्यवस्था बंद कर दी है
-इससे पीड़ितों की परेशानी बढ़ गई
-अब पीड़ितों की एफआईआर (FIR) दर्ज होने में समय लग रहा है

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गाजियाबाद। सूबे में योगी सरकार (yogi government) आते ही यूपी पुलिस ने ताबड़तोड़ एनकाउंटर (encounter) कर बदमाशों की कमर तोड़ने का काम किया। वहीं विपक्षियों ने इसे मुद्दा भी बनाया। हालांकि इसके चलते कई बदमाशों ने अपनी जमानत रद्द करा ली तो कईयों ने सरेंडर कर दिया। अब इस सबके बीच गाजियाबाद जिले में यूपी पुलिस (up police) ने एफआईआर (Dial fir) के एक तरीके को बंद कर दिया है। पुलिस (ghaziabad police) का कहना है कि इसकी जरूरत नहीं है।
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दरअसल, गाजियाबाद पुलिस ने डायल एफआईआर यानी 100 नंबर डायल करने पर होने वाली एफआइआर दर्ज करने की व्यवस्था बंद कर दी है। इससे पीड़ितों की परेशानी बढ़ गई। हालांकि पुलिस रिकॉर्ड्स में इसका कहीं भी जिक्र नहीं है। कारण, अब पीड़ितों की एफआईआर दर्ज होने में समय लग रहा है। पहले डायल 100 करते ही केस दर्ज हो जाया करता था। लेकिन अब कई केस ऐसे सामने आए हैं जिनमें पीड़ितों को कई चक्कर केस दर्ज कराने के लिए काटने पड़े।
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व्यवस्था लागू करने वाला पहला जिला था गाजियाबाद

बता दें कि गाजियाबाद पूरे देश में डायल एफआईआर व्यवस्था लागू करने वाला पहला जिला था। वहीं अब इसको बंद करने वाला भी ये पहला जिला बन गया है। 14 मई-2018 को तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने इस व्यवस्था को लागू कराया था। चोरी, लूट, स्नैचिंग और महिला से जुड़े अपराध में पीड़ितों को थाना-चौकी के चक्कर नहीं लगाने पड़ते थे। डायल-100 पीआरवी को सूचना देने पर ही केस दर्ज हो जाया करता था। अगले ही दिन थाने से एफआइआर की कॉपी मिल जाती थी। वहीं अब इसे बंद होने से जिलावासियों में रोष भी देखने को मिल रहा है।
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एसएसपी बोले, आनलाइन करें एफआईआर

गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि यूपी कॉप और साइबर क्राइम के लिए एनसीआरपी के शुरू होने के बाद अब डायल एफआईआर की जरूरत नहीं बची। इसलिए इसे बंद किया गया है। वहीं उक्त दोनों व्यवस्था के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। हार्ड क्राइम में लोग आनलाइन एफआईआर दर्ज कराएं। थानों में किसी मामले की समय से एफआईआर नहीं होने का कोई मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, यदि ऐसा है तो उसकी जांच कराई जाएगी।
डायल एफआइआर बंद होने के बाद इन केसों में लोग हुए परेशान

-सिद्धार्थ विहार में अमित कुमार के घर से 10 जुलाई को डेढ़ लाख रुपये की चोरी हुई थी। उनकी रिपोर्ट 13 जुलाई को दर्ज हुई।
-अकबरपुर बहरामपुर निवासी शंभू कुमार गुप्ता के घर में 22 जुलाई की रात चोरी हुई। डेढ़ माह बाद उनकी रिपोर्ट दर्ज की गई।

-नेहरूनगर सेकेंड निवासी राखी को 9 सितंबर की सुबह 9:30 बजे आटोसवार बदमाशों ने नशीला इंजेक्शन लगाकर लूटा था। पीड़िता पूरे दिन चक्कर काटती रही और रात 10 बजे उसकी रिपोर्ट दर्ज हुई।
-सिद्धार्थ विहार निवासी ओला ड्राइवर प्रमोद कुमार से 6 सितंबर की रात ओला कैब की लूट हुई। रात साढ़े 10 बजे 100 नंबर की कॉल करने पर भी दो दिन बाद रिपोर्ट दर्ज हुई।
-भोजपुर प्राथमिक विद्यालय से 11 सितंबर की रात दो एलपीजी सिलेंडर चोरी हुए। मामले में एक सप्ताह बाद रिपोर्ट दर्ज हुई।

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