जिलाधिकारी, एसएसपी ऑफिस और बस स्टैंड के सामने स्ट्रीट लाइटों पर बोर्ड लगाकर जताया विरोध
गाजियाबाद. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरोध में कुछ लोग सारी सीमाएं लांघने लगे हैं। इसी कड़ी में भाजपा के गढ़ माने जाने वाले गाजियाबाद शहर में सरकार से नाराज लोगों ने पीएम के खिलाफ अपशब्द लिखे बोर्ड जगह-जगह टांग दिए। इन बोर्डों पर पीएम मोदी के खिलाफ जिस तरह की भाषा लिखी गई है। वह न तो बताने लायक है और न ही दिखाने लायक। इस पूरे मामले में खास बात ये है कि एसपी ऑफिस के बाहर इस तरह के बोर्ड लगे होने के बाद भी पुलिस अंजान बनी रही। जब पत्रिका संवाददाता ने इस मुद्दे को पुलिस के सामने उठाया, तब उनकी आंखें खुली और फिर आनन-पानन में इन सभी बोर्ड्स को हटाया गया।
जिलाधिकारी और एसएसपी ऑफिस के सामने वाली सड़क पर स्ट्रीट लाइट पर किसी शख्स ने मोदी विरोधी बोर्ड लगा दिए। इन बोर्ड्स पर काफी अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है। इसमें ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया गया है कि हम उन अपशब्दों को आपको बता भी नहीं सकते और न ही उस बोर्ड को दिखा सकते है। आश्चर्य की बात यह है कि जिलाधिकारी और एसएसपी कार्यालय के चंद कदमों की दूरी पर यह बोर्ड लगे हैं। इसके अलावा गाजियाबाद के काफी व्यस्त रहने वाले चौराहे पुराने बस अड्डे पर भी इस तरह के बोर्ड लगाए गए हैं, जबकि इस चौराहे पर 24 घंटे करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं। उसके बावजूद भी किसी अधिकारी का या किसी पुलिसकर्मी का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। सड़क पर आते-जाते लोग इन बोर्डों को पढ़ते जरूर हैं, लेकिन उन पर लिख अपशब्दों को देखकर बड़े ही सन्न रह जाते हैं । दरअसल, बोर्ड पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जिसे हम और आपको बोलने में भी शर्म महसूस करेंगे ।
हालांकि, यहां से गुजरने वाले कई लोग इस हरकत से नाराज भी दिखे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह का विरोध करना बहुत निंदनीय है। वह भी एक ऐसे व्यक्ति के लिए जो देश का प्रधान मंत्री है। वह किसी पार्टी वेशेष से भले ही संबंध रखते हों, लेकिन अभी वह पूरे भारत और भारतवासियों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जनता की जमता ने मोदी सरकार को चुना है इसलिए वे समस्त जनता के प्रधानमंत्री हैं। यदि किसी विपक्षी को इस सरकार से परेशानी भी है तो उसका विरोध जताने के और बहुत तरीके हैं । लेकिन, इस तरह के घिनौने शब्दों का इस्तेमाल करना बहुत भद्दा विरोध है।
इस बारे में पत्रिका संवाददाता ने जब गाजियाबाद के एसपी सिटी आकाश तोमर से बात की तो पहले उन्होंने ऐसी कोई जानकारी होने से ही इनकार किया। इसके बाद कहा कि अब जानकारी मिली है तो इसे संज्ञान में लिया जाएगा। सभी बोर्डों को तत्काल प्रभाव से उतारा जाएगा। इसके अलावा ऐसी हरकत करने वालों का भी पता लगाकर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।